कोयला संकट से भारत में हो सकती है भयानक बिजली कटौती - रिपोर्ट का दावा

देश में कोयला संकट की वजह से व्यापक बिजली कटौती का खतरा बढ़ गया है।

Update: 2022-05-28 10:53 GMT

उत्तर भारतीय राज्यों सहित देश के अधिकांश इलाकों में भीषण गर्मी का लोग सामना कर रहे हैं। ऐसे में बिजली की मांग पहले की तुलना में काफी ज्यादा बढ़ गई है। दूसरी तरफ एक बार​ फिर कोयला संकट का सामना बिजली उत्पादन में लगी संयंत्रों को करना पड़ सकता है। ऐसा हुआ तो चिलचिला देने वाली गर्मी में लोगों को भीषण बिजली कटौती का सामना करना पड़ सकता है।

न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक बिजली मंत्रालय की एक आंतरिक कमेटी रिपोर्ट में ये बातें कही गई हैं। रिपोर्ट में इस बात का जिक्र है कि देश में कोयला संकट की वजह से व्यापक बिजली कटौती का खतरा बढ़ गया है। रिपोर्ट में इस बात का भी जिक्र है कि चालू वित्तीय वर्ष (2022-23) की दूसरी तिमाही यानी सितंबर में समाप्त होने वाली तिमाही के दौरान भारत को कोयले की व्यापक कमी का सामना करना पड़ सकता है, क्योंकि तब बिजली की मांग अधिक होने की उम्मीद है।

बिजली मंत्रालय की एक आंतरिक कमेटी रिपोर्ट में इस बात की आशंका जताई गई है कि जुलाई-सितंबर की तिमाही में मांग के मुताबिक कोयले की आपूर्ति में 42.5 मिलियन टन की कमी आ सकती है। यह कमी पिछले संकट से 15 फीसदी ज्यादा हो सकती है। जब बिजली की अधिक मांग के कारण कमी उत्पन्न हुई थी।

मंत्रालय की आंतरिक कमेटी का ये पूर्वानुमान भारत में ईंधन की कमी को ऐसे वक्त में आई है जब पिछले 38 वर्षों में देश में बिजली की वार्षिक मांग में सबसे तेज बढ़ोतरी देखी जी रही है। रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से कोयले की आपूर्ति में कमी आई है। कोयले की वैश्विक कीमतें रिकॉर्ड स्तर पर बनी हुई हैं।

भारत ने कोयला संकट से पार पाने के लिए हाल के दिनों में बिजली संयंत्रों पर कोयले का आयात बढ़ाने के लिए दबाव बढ़ा दिया है। साथ ही चेतावनी दी है कि अगर बिजली संयंत्र आयात कर अपने कोल इनवेंट्रीज नहीं बनाते हैं तो घरेलू रूप से खनन किए गए कोयले की आपूर्ति में कटौती की जाएगी।

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