UP Election 2022: BJP की मुश्किलें बढ़ाएंगे किसान संगठन, लखीमपुर से फिर शुरू होगा आंदोलन, SKM का ऐलान

UP Assembly Election 2022: संयुक्त किसान मोर्चा के नेता युद्धवीर सिंह ने कहा, ‘टिकैत पीड़ितों, जेल में कैद किसानों और अधिकारियों से मिलेंगे. यदि कोई प्रगति नहीं होती है तो किसान संगठन लखीमपुर में धरना दे सकते हैं.’ किसान संगठन अपने आंदोलन के दौरान किसानों के खिलाफ केस वापस लेने की मांग करेंगे. साथ ही वो पिछले साल अक्टूबर में लखीमपुर खीरी में 8 किसानों की मौत का मुद्दा भी उठाएंगे.;

Update: 2022-01-16 06:35 GMT

नई दिल्ली. उत्तर प्रदेश में चुनावी बिगुल बजते ही संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने एक बार फिर से आंदोलन को लेकर कमर कस ली है. SKM ने एक महीने पहले दिल्ली की सीमाओं पर तीन नए कृषि कानून के वापसी के बाद आंदोलन खत्म कर दिया था. लेकिन अब इस मोर्चे ने ऐलान किया है कि वो 21 जनवरी से उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में बीजेपी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करेंगे. SKM के मुताबिक उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में वो लोगों को बीजेपी के खिलाफ वोट डालने की अपील करेंगे.

अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक किसान संगठन अपने आंदोलन के दौरान किसानों के खिलाफ केस वापस लेने की मांग करेंगे. साथ ही वो पिछले साल अक्टूबर में लखीमपुर खीरी में 8 किसानों की मौत का मुद्दा भी उठाएंगे. बता दें कि मंत्री अजय मिश्रा के बेटे पर पिछले साल प्रदर्शनकारी किसानों की गाड़ी से कुचल कर हत्या करने का आरोप है.

विश्वासघात दिवस मनाने का ऐलान

संयुक्त किसान मोर्चा के मुताबिक वो लखीमपुर खीरी में विरोध स्थल तैयार करेंगे. बता दें कि पिछले साल भी इस मोर्चे ने बंगाल में लोगों को बीजेपी के खिलाफ वोट डालने की अपील की थी. एसकेएम ने फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी सहित किसानों की मांगों पर सरकार की ओर से कोई आश्वासन नहीं मिलने के खिलाफ 31 जनवरी को राष्ट्रव्यापी 'विश्वासघात दिवस' मनाने ​​​​का आह्वान किया है.

लखीमपुर में होगा धरना!

एसकेएम के नेता युद्धवीर सिंह ने कहा, 'टिकैत पीड़ितों, जेल में कैद किसानों और अधिकारियों से मिलेंगे. यदि कोई प्रगति नहीं होती है तो किसान संगठन लखीमपुर में धरना दे सकते हैं.'संगठन ने अपने बयान में कहा, संयुक्त किसान मोर्चा 'लखीमपुर खीरी नरसंहार मामले में भाजपा की बेशर्मी और असंवेदनशीलता' के खिलाफ एक स्थायी मोर्चा बनाएगा. एसकेएम ने कृषि कानूनों के खिलाफ दिसंबर 2021 तक दिल्ली की सीमाओं पर चले आंदोलन की अगुवाई की थी.

Similar News