अमेठी का दामाद कैसे बना था मुन्ना बजरंगी, मौत के बाद ससुराल में पसरा है सन्नाटा

Update: 2018-07-11 11:47 GMT
माफिया डॉन मुन्ना बजरंगी की हत्या के बाद अमेठी के जगदीशपुर कोतवाली क्षेत्र के मऊ अतवारा में सन्नाटा पसरा हुआ है. दरअसल आज से 20 साल पहले मुन्ना बजरंगी की शादी इस गांव के ब्रम्हपाल सिंह की पुत्री सीमा सिंह उर्फ गुड़िया से हुई थी. इलाहाबाद में पढ़ाई कर रही सीमा सिंह मुन्ना के संपर्क में आई और समय के साथ उनके बीच प्यार परवान चढ़ने लगा. आखिरकार दोनों ने घरवालों को बिना बताए हरिद्वार में वैदिक रीति-रिवाजों से विवाह कर लिया.
ग्रामीणों की मानें तो पहले तो सीमा के परिजनों ने रिश्ता स्वीकार नहीं किया था, लेकिन बाद में परिवार ने मुन्ना बजरंगी को अपना लिया. कहा जाता है कि इस विवाह के बाद सीमा के भाई भी मुन्ना बजरंगी के धंधे में शामिल हो गए. जेल में बंद मुन्ना बजरंगी का सारा काम उसका साला पुष्पजीत सिंह देखता था. वहीं दूसरा साला पूर्व जिला पंचायत सदस्य सत्यजीत सिंह जगदीशपुर के रानीगंज में वर्ष 1999 में हुए दोहरे हत्याकांड में नामजद हुआ था. पिछले साल लखनऊ के विकासनगर में हुए गैंगवार में पुष्पजीत की हत्या कर दी.
मुन्ना बजरंगी के दो अन्य साले अपराध की दुनिया से अलग बताए जाते हैं. सूत्रों की मानें तो मुन्ना बजरंगी अपने सालों पर आसपास के जिलों में रंगदारी वसूलने का दबाव बनाता था, जिसको लेकर ससुराल से उसके रिश्तों में खटास चल रही थी. मुन्ना बजरंगी ने बीते विधानसभा चुनाव में पत्नी सीमा सिंह को मड़ि‍ याहूं विधानसभा सीट से निर्दलीय चुनाव भी लड़वाया था, हालांकि वह चुनाव नहीं जीत सकी थीं.
अमेठी का दामाद बना था मुन्ना बजरंगी, मौत के बाद ससुराल में पसरा है सन्नाटासुलतानपुर के जिला कारागार, अमहट में रहने के दौरान मुन्ना बजरंगी काफी चर्चा में रहा. जिले के ठेकों पट्टों में मुन्ना बजरंगी के गुर्गे बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते थे. मुन्ना की जिले में बढ़ती गतिविधियों को देख जिला प्रशासन ने माफिया डान को सुलतानपुर जेल से हटाने की सिफारिश शासन से की थी. तब 2015 के आखिरी में जेल प्रशासन ने मुन्ना बजरंगी को अमहट जेल से झांसी जेल में शिफ्ट किया गया था.

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