स्मृति ईरानी के अमेठी में 'मनरेगा को लेकर मुखर हुई महिलाएं, प्रदर्शन कर लगाए नारे

Update: 2019-08-01 13:27 GMT

राम मिश्रा,अमेठी: ग्रामीण इलाकों में खेती के कामों में महिलाओं की बराबर की भागीदारी दिखाई देती है लेकिन महात्मा गांधी नेशनल रूरल इम्प्लायमेंट गारंटी स्कीम (मनरेगा) में महिलाओं की भागीदारी के मामले में यूपी देश का फिसड़्डी राज्य साबित हो रहा है ग्राम्य विकास विभाग के प्रयासों के बाद भी स्मृति ईरानी जैसी महिला सांसद के क्षेत्र अमेठी में भी महिलाओं की भागीदारी बढ़ नहीं पा रही है।

जिले के मुसाफिरखाना विकासखण्ड अंतर्गत कई गांवों की महिलाओ ने विश्वास महिला ब्लॉक संगठन नामक एनजीओ के नेतृत्व में दर्जनों महिलाओं ने मनरेगा के तहत काम न दिये जाने,जॉब कार्ड न बनाये जाने और ग्राम प्रधान द्वारा जॉब कार्ड रख लिये जाने को लेकर जमकर नारेबाजी व प्रदर्शन किया महिलाओं ने आरोप लगाया कि गांवों में मनरेगा के तहत महिलाओं को काम न आरोप लगाया है महिलाओं ने कहा कि जॉब कार्ड के अभाव में काम नहीं मिल रहा है मजदूरी की तलाश में दूसरे पंचायतों के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं जबकि सरकार की ओर से कई योजनाएं चलाई जा रही हैं लेकिन काम नहीं मिल रहा है आक्रोशित महिलाएं जिम्मेदारों पर मनमानी करने के आरोप भी लगा रहे थे महिलाओं ने बताया कि सरकार मनरेगा से काम देने के घोषणा की थी लेकिन मजदूरी नहीं मिलने के कारण घर के पुरुषों को दूसरे प्रदेश में जाना पड़ रहा है हालांकि बाद में मौके पर मौजूद ब्लॉक कर्मियों ने ने समझा-बुझाकर आक्रोशित महिलाओं को शांत कराया।

वही प्रर्दशनकारी महिला सरोज सिंह आदि ने कहा कि यदि प्रशासन ने समस्याओं का निस्तारण यदि शीघ्र नही किया तो नारी हम सड़क पर उतरने के लिए बाध्य होगी।

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