प्रधानमंत्री आवास योजनान्तर्गत घर पाकर गरीबों के चेहरे खिले, रोटी, कपड़ा और मकान मानव जीवन की मूलभूत सुविधाओं की जरूरत

Update: 2019-07-22 15:17 GMT

रिपोर्ट- स्वप्निल द्विवेदी

बहराइच । मानव की आदिकाल से ही रोटी, कपड़ा और मकान इन तीन मूलभूत सुविधाओं की जरूरत रही है। जो समय के साथ व्यक्ति अपनी व्यवस्था करता रहा है। आज हर गरीब व्यक्ति का एक सपना होता है कि उसका अपना सभी सुविधाओं से युक्त पक्का घर हो। क्योंकि आज पक्का आवास बनाने की जो लागत आती है वह गरीब व्यक्ति अपनी कमाई से पूरी नहीं कर सकता। देश के गरीबों के आवास का सपना पूरा करने के लिए भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने यह बीड़ा उठाया और देश के आवासहीन, निराश्रित, झोपड़ी में रहने वालों एवं कच्चे व जर्जर आवास वाले गरीबी रेखा के नीचे जीवन-यापन करने वालों को शौचालय, गैस कनेक्शन, बिजली, पेयजल आदि मूलभूत सुविधाओं से युक्त आवास देने के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण का 20-11-2016 को पूरे देश में लागू किया।

प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के अन्तर्गत हो रहे आवास निर्माण में पिछले 4 वर्षों के दौरान 5 गुना वृद्धि हुई है। यह वृद्धि तब है जब 20 नवम्बर, 2016 को योजना के लांच होने के बाद से लाभार्थी का निबंधन, भूटैगिंग, खाते की जांच आदि प्रक्रियाओं के पूरा होने में कई महीने लग जाते हैं। पूरे देश में 2017-18 व 2018-19 के दौरान उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक आवासों का निर्माण हुआ है। इसके लिए ग्रामीण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा उत्तर प्रदेश को प्रथम स्थान देकर पुरस्कृत भी किया है। छत्तीसगढ़ और पश्चिम बंगाल क्रमशः दूसरे और तीसरे स्थान पर हैं।

इस योजना के तहत प्रदेश में लाभार्थी के खाते में प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण से अच्छी गुणवत्ता वाले आवासों का तेजी से निर्माण हो रहा है। प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण के लिए राज्य स्तर पर एक ही नोडल खाते का संचालन किया जाता है। पीएमएवाई-जी के तहत लाभार्थियों को लोक वित्त प्रबंधन प्रणाली (पीएफएमएस) के तहत भुगतान किया जाता है। प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण से आवास निर्माण में समय और लागत में कमी आयी है। यह प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी है। लाभार्थियों को धन आवंटन प्रक्रिया की निगरानी में आसानी के साथ ही आवास निर्माण की बेहतर गुणवत्ता भी दिख रही है। वर्ष 2016-17 से लेकर 2018-19 तक प्रदेश को कुल 15,717.78 करोड़ की धनराशि प्राप्त हुई, जिसमें से अबतक 15,199.39 करोड़ की धनराशि लाभार्थियों के खाते में पी0एफ0एम0एस0 के माध्यम से अंतरित की गयी है।

वर्ष 2011-12 की सामाजिक आर्थिक जनगणना के अनुसार उत्तर प्रदेश के गांवों में 2013 की स्थायी पात्रता सूची में 23.68 लाख परिवार आवासहीन थे या कच्चे मकानों में रह रहे थे। इनमे से 7.23 लाख लाभार्थी सत्यापन में अपात्र पाये जाने के कारण रिमाण्ड माड्यूल के माध्यम से हटा दिए गये। इसके पश्चात् 16.45 लाख लाभार्थी स्थायी पात्रता सूची मे अवशेष है, जिनमें से गत तीन वर्षो में 12.82 लाख आवास आवंटित किए जा चुके है। 3.63 लाख लाभार्थी 01 अप्रैल, 2019 को स्थायी पात्रता सूची में अवशेष थे, जिनमें से 1.54 लाख का लक्ष्य वर्ष 2019-20 में प्रदेश को प्राप्त हो चुका है। वर्ष 2016 से लागू प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण में उत्तर प्रदेश में स्थायी पात्रता सूची में शामिल सभी परिवारों को आवास बनाकर दिए जा रहे हैं। अबतक उत्तर प्रदेश में 12.82 लाख लाभार्थियों को आवास आवंटित किये गये है, जिसके सापेक्ष 12.43 लाख आवास बनाकर लाभार्थी पक्की छत पाकर गर्मी, सर्दी और बरसात से अपना बचाव करते हुए सुखी जीवन व्यतीत कर रहे हैं।

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