बुलंदशहर हिंसा के सभी आरोपियों पर राजद्रोह का केस, चार्जशीट दाखिल

पिछले साल यानी 3 दिसंबर 2018 को बुलंदशहर के स्याना में गोकशी के शक में हिंसा हुई थी, जिसमें पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की हत्या कर दी गई थी.

Update: 2019-06-28 10:52 GMT

बुलंदशहर : उत्तर प्रदेश में पिछले साल हुई बुलंदशहर हिंसा में अब आरोपियों पर राजद्रोह की धारा लगा दी गई है. बुलंदशहर हिंसा मामले में योगी सरकार ने करीब 44 आरोपियों के खिलाफ राजद्रोह की धारा लगाने की मंजूरी दे दी है. पुलिस ने इसे कोर्ट में पेश कर दिया है. समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक योगी सरकार ने यह कदम उठाया है. पिछले साल यानी 3 दिसंबर 2018 को बुलंदशहर के स्याना में गोकशी के शक में हिंसा हुई थी, जिसमें पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की हत्या कर दी गई थी.

प्रशासन ने दी अनुमति

समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, बुलंदशहर हिंसा मामले में जांच अधिकारी राघवेंद्र मिश्रा ने कहा कि मुझे प्रशासन से 44 आरोपियों के खिलाफ राजद्रोह का केस चलाने की अनुमति मिल गई है. आज मुझे स्वीकृति पत्र मिला है, जिसे कोर्ट में जमा कर दिया गया है. पुलिस ने इस केस को लेकर 44 लोगों के खिलाफ चार्जशीट कोर्ट में दाखिल कर दी है.

गोकशी की सूचना पर उग्र हुई थी भीड़

गौरतलब है कि पिछले साल 3 दिसंबर 2018 को बुलंदशहर में गोकशी की सूचना मिलने पर भीड़ उग्र हो गई थी. सूचना पर भीड़ पुलिस चौकी चिंगरावठी क्षेत्र में पहुंची थी. कुछ लोग ट्रैक्टर-ट्राली में अवशेष लेकर आए थे और चौकी पर पथराव कर दिया था. भीड़ इतनी ज्यादा उग्र थी कि आगजनी और पथराव भी हुए थे. इसी दौरान इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई.

सुबोध कुमार सिंह और सुमित की हुई थी मौत

दरअसल, बुलंदशहर में गाय के अवशेष मिलने से इलाके में तनाव का माहौल बन गया था. पुलिस प्रशासन ने मामले को शांत करने की कोशिश की, मगर भीड़ उग्र हो गई और हिंसा फैल गई. इस भीड़ की हिंसा में इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की गोली लगने से मौत हो गई और सुमित नाम का एक युवक भी मारा गया. बुलंदशहर मामले में पुलिस मे अलग-अलग दो मामले दर्ज हुए थे. एक मामला हिंसा और इंस्पेक्टर की मौत का है और दूसरा गोकशी का था. गोकशी का मामला बजरंग दल के जिला संयोजक योगेश राज ने दर्ज कराया था.

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