Deoria Lok Sabha Election २०१९: देवरिया में बाप बेटे के जूते से परेशान पार्टी हैरान, चल गया जूता तो गई सीट हाथ से!

Update: 2019-05-09 06:20 GMT

2019 लोकसभा चुनाव अब अपने अंतिम पड़ाव पर पहुंचने को है. यूपी की राजनीति में पूर्वांचल का हमेशा से अपना महत्व रहा है. पूर्वांचल की बात अगर की जाए तो बीजेपी को गठबंधन से कड़ी टक्कर लेनी पड़ रही है. इसी क्रम में गुरुवार को देवरिया में लगी एक होर्डिंग सुर्खियों में बनी हुई है.

इस जिले में भाजपा के प्रत्याशी रमापति राम त्रिपाठी को देवरिया जिले मे भारी विरोध का सामना करना पड़ रहा है. कोआपरेटिव बैंक चौराहे पर लगी विवादित होर्डिंग की जानकारी मिलते ही देवरिया प्रशासन ने उसे उतार दिया. देवरिया बचाओं मंच के बैनर तले लगे इस होर्डिंग में लिखा है क्या वो सही है? मैं ऐसे जातिवादी सोच वालों की निन्दा करता हूं...दरअसल गोरखपुर और आसपास के इलाके में ठाकुर और ब्राह्मण वर्चस्व की लड़ाई पुरानी है. अब जूता कांड के बाद दोनों खेमे एक-दूसरे के सामने आ गए हैं.

बता दें कि देवरिया संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत 5 विधानसभा क्षेत्र आते हैं जिसमें देवरिया, तमकुही राज, फाजिलनगर, पथरदेवा और रामपुर कारखाना शामिल है, यहां से एक भी विधानसभा सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित नहीं है. आपको बता दें कि बीजेपी ने कद्दावर नेता रमापति राम त्रिपाठी को सीट से उतारा गया है. रमापति राम बीजेपी के पुराने नेता हैं और गृह मंत्री राजनाथ सिंह के करीबी माने जाते हैं.

रमापति राम राज्य बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष हैं. वो वर्तमान में यूपी विधान परिषद के सदस्य हैं. त्रिपाठी पेशे से आयुर्वेदिक डॉक्टर हैं. उनके पुत्र शरद त्रिपाठी 2014 में संत कबीर नगर से सांसद चुने गए थे. लेकिन हाल ही बीजेपी के ही एक विधायक के साथ मार-पीट के मामले को लेकर शरद त्रिपाठी को अपना टिकट गंवाना पड़ा है. अब उनकी सीट पर बीजेपी ने प्रवीण निषाद को खड़ा किया है.

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