Fatehpur News: हाड़ कंपा देने वाली ठंड में भी चौराहों से अलाव गायब, भीषण ठंड में मर रहा गरीब, कथित समाजसेवी भूमिगत

कम्बल से नहीं जा रही ठंड, मदद की आस में जरूरतमंद

Update: 2023-01-06 17:46 GMT

( विवेक मिश्र )

जनवरी महीने के प्रथम सप्ताह में ठंड ने अपना प्रचंड रूप दिखा दिया है। हाड़ कंपा देने वाली ठंड के बीच शहर के चौराहों में अलाव की कोई ब्यवस्था नजर नहीं आ रही है। जिले की अधिकतर नगर पालिका व पंचायतों के जिम्मेदारों ने भी अभी तक अलाव नहीं जलवाए हैं। जबकि भीषण ठंड की वजह से जिले में अब तक लगभग एक दर्जन मौते हो चुकी हैं!

नगर पालिका/निकाय चुनाव नजदीक थे तो सैकड़ो समाजसेवी लोगों के दुःख दर्द बांटते नजर आ रहे थे। प्रत्याशी लोगो के भाई भतीजे बनकर मिल रहे थे। गरीब, जरूरत मंद की मदद के नाम पर खूब दिखावे बाजी सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म पर नज़र आ रही थी। सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद चुनाव तीन महीने टल जाने से कथित समाजसेवी अचानक भूमिगत हो गए हैं। वहीं कथित विकास का ढिढोरा पीटने वाले चेयरमैन व उनके कथित प्रतिनिधि भी ठंड में नज़र नहीं आ रहे हैं। शहर व कस्बो में ऐसे सैकड़ों ठेले व रेहड़ी वाले हैं जो अलाव के सामने बैठकर रात काट देते हैं कइयों के पास तो घर नहीं है। रिक्शे व विक्रम चलाने वाले कई गरीब गर्मियों में उसी में रात को सो जाते थे लेकिन ऐसी भीषण ठंड में सोचिए उनकी जिंदगी कैसी होगी..?

उनके लिए अभी तक कोई समाजसेवी व संगठन आगे नहीं आया। नगर पालिका व पंचायत की ओर से अलाव की व्यवस्था नहीं किए जाने से लोगों की निगाहें अब जिला प्रशासन पर जा टिकी हैं। कड़ाके की ठंड के बीच चौराहों पर अलाव की व्यवस्था नहीं होने के कारण रद्दी कागज और फलों की पेटियों को जलाकर लोग ठंड भगाने का प्रयास कर रहे हैं। कड़ाके की ठंड के बीच अधिकतर लोग घरों में ही दुबकने को मजबूर हैं। सुबह-शाम ज्यादा ठंड पड़ने के कारण अति आवश्यक कार्य से ही लोग घर से बाहर निकल रहे हैं। वृद्धों और बच्चों को खासी परेशानी झेलनी पड़ रही है। दिन के दोपहर में तापमान 6 से 8 डिग्री सेल्सियस मापा जा रहा है। रात का तापमान 2 से 3 डिग्री तक जबकि सुबह का तापमान 4 से 6 तक पहुंच रहा है। हालात यह हैं कि शाम ढलते ही सड़कों पर सन्नाटा पसरने लगता है।

- गरीबों व राहगीरों को हो रही खासी परेशानी

कड़ाके की ठंड के बीच दूर दराज से बस पड़ाव अथवा रेलवे स्टेशन पहुंचे यात्रियों, ठेला और रिक्शा चलाने वालों के साथ गरीबों और खानाबदोशों को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। दूर कहीं धुआं उठता देख आग की उम्मीद में लोग वहां पहुंच जा रहे हैं। इस भीषण ठंड में गर्म कपड़े भी पूरी तरह निजात दिलाने में नाकाफी साबित हो रहे हैं। गर्म कपड़े पहनने के बाद भी ठंड भगाने के लिए लोगों को आग का सहारा लेना पड़ रहा है। 

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