गाजियाबाद में सीएम योगी आदित्यनाथ की कन्या विवाह योजना को सरकारी अफसर की कालाबाजारी ने लगाया पलीता, दो महिला हुई गिरफ्तार

इसके बाद इसकी शिकायत लखनऊ में की गई इसके बाद गाजियाबाद जिलाधिकारी को एक पत्र आया तो गाजियाबाद जिला अधिकारी ने भी उसे पर संज्ञान लिया।

Update: 2023-09-26 10:31 GMT

गाजियाबाद: उत्तर प्रदेश में प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कन्या विवाह योजना को सरकारी अफसर की कालाबाजारी ने पलीता लगाया है, जिसके बाद पुलिस ने दो महिलाओं को भी गिरफ्तार किया है ।

उत्तर प्रदेश के पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कन्या विवाह योजना को सरकारी अधिकारियों और दलालों ने अपनी ऐसी काली नजर लगा दी की योगी जी की पूरी की पूरी कन्या विवाह योजना पर फर्जीबाड़े के निशान लग गए हैं। विवाह होने के बाद जो रुपया गरीब नव विवाहित जोड़ों को मिलने थे वह सारे लाभ सरकार,अफसर ,बाबू और दलालों की जेब में चले गए हैं । जिसका एक जांच रिपोर्ट के बाद खुलासा हुआ है। उत्तर प्रदेश में गरीब कन्याओं की शादी का बीड़ा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने कन्या विवाह योजना के तहत चला कर उठाया था जिसमें बड़ी संख्या में प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में सामूहिक कन्या विवाह समारोह का आयोजन भी किया गया लेकिन आयोजन के बाद इस विवाह समारोह में भी दलाल, अफसर बाबू की काली नजर कन्या विवाह योजना को लग गई ,विवाह के बाद जो सरकारी सुविधा और धन नव दंपति जोड़े को मिलना था उसे सरकारी अधिकारी और दलाल खा गए, इसका खुलासा पंडित गजेंद्र पाल शर्मा की शिकायत के बाद हुआ है।

शिकायतकर्ता गजेंद्र पाल शर्मा ने आरोप लगाते हुऐ बताया कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश कन्या विवाह योजना के अंतर्गत गाजियाबाद में 3500 शादी हुई थी, जिसमें सबसे बड़ी धांधली गाजियाबाद में हुई है। आरोप लगाते हुए गजेंद्र पाल शर्मा ने कहा कि अगर 3500 शादियों की जांच हो जाए तो उसमें केवल 40 से 50 शादी ही मान्य मिलेगी इसकी शिकायत उन्होंने गाजियाबाद के जिलाधिकारी से की थी लेकिन गाजियाबाद के जिला अधिकारी ने उन्हें इस शिकायत पर कहा कि ये केवल मनगढ़त कहानी है इसके कुछ साक्ष्य लाकर दीजिए। इसके बाद इसकी शिकायत लखनऊ में की गई इसके बाद गाजियाबाद जिलाधिकारी को एक पत्र आया तो गाजियाबाद जिला अधिकारी ने भी उसे पर संज्ञान लिया।

शिकायतकर्ता ने बताया कि उन्होंने 175 लोगों के साक्ष्य दिए हैं जिसमें से 171 शादियां फर्जी पाई गई है। जिला वार उन्होंने ब्यौरा देते हुए बताया हापुड़ के चार ब्लॉक में 835 शादी हुई थी, जबकि गाजियाबाद में 3500 शादी हुई थी। जब उन्होंने खुद घर-घर जाकर लाभार्थियों से बात की तो लाभार्थियों ने बताया उनके यहां दो बेटियां हैं जिनका विवाह नहीं हुआ है जबकि कागजों में दोनों बेटियों की शादी दर्शाई गई है । आरोप लगाते हुए उन्होंने एक दलाल पर सवाल उठाया कि जो जनसेवा करने वाला शख्स था वह खोखे में जन सेवा केंद्र खोले हुए था और जिसने कन्या विवाह योजना की दलाली करते हुए इतना पैसा कमाया कि वह आज लग्जरी गाड़ियों में घूम रहा है।

कन्या विवाह योजना में 200 करोड रुपए का घोटाला हुआ है। उनकी योगी जी से अपील है कि जिन लोगों ने कन्या विवाह योजना को भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ाया है उन अधिकारियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही हो । शिकायतकर्ता ने बताया कि उसने जब खुद जांच की तो कहीं जगह ऐसे मामले भी सामने आए जहां घर की बहू को पुत्री बनाकर शादी के मंडप में बिठाया गया जो कि पहले से शादीशुदा थी, इसके अलावा बहुत से लोग तो ऐसे भी थे जो सामूहिक विवाह स्थल पर पहुंचे भी नहीं और उनकी शादी कागजों में दर्शा दी गई है।

इस मामले पर हम गाजियाबाद के श्रम उपायुक्त अनुराग मिश्रा से मिले और उनसे इस बारे में जाना तो उन्होंने बताया 2023 को अभियोग पंजीकृत किया गया था । इसके बाद से सामूहिक विवाह के अंदर हुई धांधली की जांच चल रही थी । आए पत्र में मांगी गई सूची को संबंधित विभाग को उपलब्ध करा दिया गया है। लेकिन जब हमने उनसे यह पूछा कि कितने लोगों की जांच मांगी गई थी और उसमें कितने साक्ष्य मिले इस सवाल पर श्रम अधिकार ही ने कहा कि मुझे इस बारे में कुछ ज्यादा याद नहीं है।

जांच के बाद जब धांधली का खुलासा हुआ तो पुलिस भी हरक़त मे आयी और कार्यवाही करते हुऐ फर्जी रूप से कन्या विवाह योजना का आर्थिक लाभ पाने के आरोप मे दो महिलाऔ को पुलिस ने गिरफ्तार किया है।

अरुण चंद्रा 

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