समय पर पहुंची अस्पताल तो बच गई जान: डॉ (ब्रिगेडियर) अरविन्द कुमार त्यागी

Update: 2020-01-22 11:42 GMT
अस्पताल परिसर में मीडिया से मुखातिब डॉ (ब्रिगेडियर) अरविंद कुमार त्यागी व डॉ रीना गुप्ता जैन।

अतिथि संवाददाता

गाजियाबाद। कहते हैं कि समय पर मरीज़ के अस्पताल पहुंचने एवं उपयुक्त संसाधन व विशेषज्ञ डॉक्टरों की उपलब्धता से मरीज़ की जान बचाई जा सकती है। और ये बात उस 23 वर्षीया बेटी के साथ उस वक़्त सार्थक हो पाई जब उसे  क़ातिलाना हमले में कटी गर्दन के साथ लहुलुहान हालत में लोगों ने  सेक्टर-23, संजय नगर स्थित यशोदा सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल एवं कैंसर संस्थान में पहुंचाया।

अस्पताल परिसर में  पत्रकारों से बातचीत करते हुए डॉ ब्रिगेडियर अरविंद कुमार त्यागी ने बताया कि मौक़े पर अस्पताल के वरिष्ठ कैंसर सर्जन के रूप में मैंने, एनेस्थेटिस्ट डॉ रीना गुप्ता जैन, आईसीयू और एमरजेंसी की कुशल टीम ने स्थिति की गम्भीरता को देखते हुए अविलम्ब मोर्चा संभाला। उन्होंने कहा कि खून की उपलब्धता कराकर उस बेटी की सर्जरी की गई, जिसमें कटी हुई सांस की नली और खून की मोटी नस को जोड़ा गया।फिर डॉक्टरों के अथक प्रयास से मरीज की जान बच गई। परिवार ने बेटी को नया जीवन देने पर डॉ (ब्रिगेडियर) अरविन्द कुमार त्यागी एवं उनकी टीम की सराहनीय प्रशंसा कर धन्यवाद दिया।

इस अवसर पर अस्पताल के निदेशक डॉ रजत अरोरा ने डॉ (ब्रिगेडियर) अरविन्द कुमार  त्यागी एवं उनकी कुशल टीम के प्रयास से बेटी को नया जीवन देने के लिए बधाई दी और कहा कि दिल्ली-एन.सी.आर सहित उत्तर भारत में किफ़ायती दरों पर उम्दा ईलाज़ देने के लिए कुशल चिकित्सक व अत्याधुनिकतम तकनीक उपलब्ध कराना हमारी प्राथमिकता है। कैंसर के सम्पूर्ण ईलाज़ के लिए यशोदा कैंसर हॉस्पिटल संजय नगर में सर्ज़री, कीमोथेरेपी व रेडियोथेरेपी की नवीनतम तकनीक के साथ कैंसर की जांच व स्टेजिंग (पैट-स्कैन) से क्षेत्र के लोगो को विश्वस्तरीय सुविधाएं उपलब्ध है जिससे लोग लाभान्वित हो रहे हैं। इस अवसर पर जनसम्पर्क अधिकारी व विपणन उपमहाप्रबंधक शेखर झा भी उपस्थित थे।

Tags:    

Similar News