हाथरस लाश पर राजनीति, जानिये हकीकत

Update: 2020-10-04 07:12 GMT

इंदु शेखावत 

सूत्र बताते हैं कि रातों रात JNU के कई छात्रों, नक्सल NGO वालों और कांग्रेस नेताओं को रातभर अपडेट किया गया। ताकि सुबह होते होते यूपी की हर सड़क पर दलित संगठन, विपक्षी दलों व विपक्ष के कार्यकर्ता मिलकर दंगे फसाद कर सकें। एक नये दलित संगठन के कई नेताओं को whats app पर वीडियो भेजे , JNU के पूर्व नेताओं को भेजे, साथ ही कांग्रेस समर्थित मीडिया गिरोहों को लगातार update किया ताकि सोशल मीडिया पर झूठ का बवंडर खड़ा कर माहौल खराब किया जा सके।

रातभर इस शख्स ने अपनी पहचान छिपाकर यूपी पुलिस की हर गतिविधि पर पैनी निगाह रखी और रातभर वामपंथी-कांग्रेसी-भीम आर्मी नेताओं को अपडेट किया। इनकी प्लानिंग को यूपी पुलिस ने भांप लिया और रात में ही घरवालों की रजामंदी से लड़की का अंतिम संस्कार कर दिया।

पुलिस को भनक थी कि विपक्षी नेता हाथरस पहुंचकर शव का अंतिम संस्कार रोक देंगे और फिर सड़क जाम कर पूरे यूपी में दंगे किए जाएंगे। कांग्रेस, वामपंथी, जिहादी गिरोहों की पूरी तैयारी थी कि लड़की के शव को कब्जे में किया जाए और फिर सड़कों पर दंगा फसाद किया जाए। हाथरस मामले में लड़की के अपराधी सलाखों के पीछे हैं, आपसी रंजिश का मसला था।

CM आदित्यनाथ ने कहा है कि फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट बनाकर दोषियों को जल्द सजा दी जाएगी।तो आखिर लड़की की जाति-रेप की झूठी खबर-जीभ काटना जैसी भ्रामक बातें फैलाकर दंगों की साजिश क्यों की गई। एक चैनल ने भी अपनी बात मैं इसका ज़िक्र किया हौ।

हाथरस मुद्दे में इन वामपंथी गिरोहों को भरपूर मसाला मिला है..बाल्मीकि लड़की- ऊंची जाति के अपराधी-योगी मुख्यमंत्री-यूपी की पुलिस.. जैसे सारे तत्वों को जोड़कर इन्होंने देश को भड़काने के लिये मनोहर कहानी रची।लड़की का रेप बताया गया, जीभ काटने की बात कही गई जबकि इनमें से ऐसा कुछ नहीं हुआ था। हाथरस के अतिरिक्त और भी घटनाये, हुई मगर हायतौबा नहीं मची। जांच में ये सब बिंदु शामिल होंगे।

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