वर्चस्व की लड़ाई में पिस रहे पूर्व मंत्री ललई यादव,पुलिस जमकर उठा रही फायदा

Update: 2018-11-01 10:59 GMT

जौनपुर। प्रदेश की सत्ता के बाहर होने के बाद एक तरफ जहां समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव लोक सभा चुनाव की तैयारियों में जुटे हैं वहीं जौनपुर में नेताओ के बीच की कलहसामने आ गई है। ज़िले की राजनीति में पार्टी में वर्चस्व को लेकर दो गुटों में लड़ाई तेज़ हो गई है। ताज़ा मामला सपा के एक निष्कासित नेता का है जिसने पूर्व मंत्री और शाहगंज से विधायक शैलेंद्र यादव ललई पर एफआईआर दर्ज कराई है।

बुधवार को सरदार वल्लभ भाई पटेल जी जयंती पर जिला पार्टी कार्यालय पर कार्यक्रम चल रहा था। मुख्य अतिथि के रूप में पूर्व मंत्री व शाहगंज विधायक शैलेंद्र यादव ललई मौजूद थे।  कार्यक्रम सुचारू रूप से चल रहा था। जिस समय जिला अध्यक्ष लालबहादुर यादव सभा को संबोधित कर रहे थे। उसी बीच 6 अक्टोबर को पार्टी से अनुशासनहीनता के आरोप में निकाले गए राजेंद्र यादव टाईगर जिला अध्यक्ष से बोलने की जिद करने लगे। अनुमति न देने पर बोलने लगे।  इस तरह की अनुशासनहीनता देख कर जिलाअध्यक्ष समेत सभी सपा नेताओ ने उसका विरोध किया तथा उसे बाहर जाने के लिए कहा। ललई यादव ने जिला कमेटी से पूछा की निष्कासन के बाद कोई कैसे बैठक मे भाग लेकर कार्यक्रम को खराब करने की कोशिश कर सकता है। ललई यादव ने उससे बात तक नही किया केवल जिलाध्यक्ष और महासचिव से पूछा जो व्यक्ति पार्टी से निष्कासित है। उसे बोलने की अनुमति कैसे दी जा सकती है। लेकिन वह अपनी जिद पर अड़े रहे। इसके बाद ललई यादव का तेवर भाँप राकेश यादव औऱ अलमास सिद्दकी ने उन्हें बाहर जाने को कहा लेकिन जब वे नहीं गए, तब उसे हाथ पकड़ कर बाहर राकेश यादव औऱ अलमास सिद्दकी बाहर कर दिया

पुलिस ने दिखाई गजब की फुर्ती अमूमन एफआईआर दर्ज में

हमेशा आनाकानी करने वाली ज़िले की पुलिस ने पूर्व मंत्री ललई यादव का नाम आने पर गजब की फुर्ती दिखाई। दरअसल विपक्ष में रहना पूर्व मंत्री शैलेंद्र यादव ललई काफी भारी पड़ गया। पुलिस ने इस मामले में राजेंद्र यादव टाइगर की तहरीर पर कोतवाली थाने में देर शाम पूर्व मंत्री पर मुकदमा दर्ज कर लिया।

सपा से निष्कासित है राजेंद्र प्रसाद यादव टाइगर

दीवानी न्यायालय के पूर्व डीजीसी फौजदारी और सपा कार्यकर्ता राजेंद्र प्रसाद यादव 'टाइगर' वर्तमान में सपा से 6 साल के लिए निष्कासित हैं। उन पर आरोप है कि अभी हाल में कार्यकर्ता सम्मेलन के दौरान उन्होंने पूर्व मंत्री ललई यादव, जगदीश सोनकर समेत कई नेताओं के खिलाफ जमकर भड़ास निकाली थी और अपशब्दों का इस्तेमाल किया था। इसी के बाद ज़िला कमेटी ने नका निष्कासन किया था।

पूर्व मंत्री ललई यादव का खेमा नाराज़

मुकदमा दर्ज होने के बाद ललई यादव का खेमा काफी नाराज़ है। एक तरफ वह सत्ता पक्ष और पुलिस पर पद के दुरुपयोग का आरोप लगा रहा है तो दूसरी तरफ इस कार्रवाई के पीछे ज़िले के कभी कद्दावर नेता का हाथ बता रहा है। ललई यादव से जुड़े लोगों का कहना है कि राजेंद्र यादव को जिले के एक कैबिनेट पूर्व मंत्री का समर्थन मिला हुआ है। यहीं वजह है कि निष्कासन के बाद भी वह कार्यक्रम में शामिल हुए।

ज़िले में सपा नेताओं की वर्चस्व की लड़ाई

जौनपुर में सपा में कई गुट बने हुए हैं। इन गुटों में वर्चस्व को लेकर लगातार विवाद होता रहा है। ऐसा पहली बार हुआ है जब पार्टी में गुटों की लड़ाई थाने तक पहुंची है। दरअसल जिले के दो नेताओ के बीच टकराव को ज़िले में पार्टी से जुड़े सभी नेता स्वीकार करते हैं। ललई यादव पर हुई एफआईआर पार्टी के अंदर की गुटबाज़ी को सड़क पर ला खड़ा कर दिया है। अब देखना ये है कि पार्टी हाईकमान इस मामले को किस रुख से देखता है।

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