akhilesh yadav birthday special: न मैं सपा कार्यकर्ता हूँ न यादव, फिर भी ठीक चार दिन बाद मेरी माँ के ईलाज के लिए चार लाख छप्पन हजार रुपये भेजे थे अखिलेश यादव ने!
akhilesh yadav birthday special
akhilesh yadav birthday special: बनारस के रहने वाले बबलू बिंद की माँ को वर्ष 2015 में कैंसर हो गया था। वह ईलाज में हो रहे खर्चे से परेशान थें। बबलू बताते हैं कि मैं ईलाज के खर्चे से परेशान हो चुका था।मेरी मदद से सब मुख मुहं मोड़ चुके थें। मैं क्षेत्रीय भाजपा जनप्रतिनिधि के यहां गुहार लगाया तो उन्होंने भी हाथ खड़े कर दिया। उस वक्त प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव जी थे। जब उनके जनता दरबार में गया तो वह लोगों से मिल रहे थे। मेरा नम्बर आया तो मैंने उन्हें प्रार्थनापत्र और ईलाज के खर्च के बारे में बताया। मुझे उम्मीद नहीं थी कि हजारों लोगों के बीच मेरा प्रार्थनापत्र इतनी गम्भीरता से स्वीकारा जाएगा। क्योंकि मुझे लगा कि न मैं सपा कार्यकर्ता हूँ न यादव। मगर ठीक चार दिन बाद मेरी माँ के ईलाज के लिए चार लाख छप्पन हजार रुपये स्वीकृत हो गया था। मैंने उस पैसे से माँ का ईलाज कराया। हालांकि कुछ महीनों बाद माँ गुजर गयीं। मगर मैं अखिलेश जी का मुरीद हो गया। वह मेरे लिए किसी भगवान से कम नहीं हैं।
मेरे कमरे में भगवान की तरह अखिलेश यादव जी की तस्वीरों का भी स्थान है। बबलू आगे बताते हैं कि माँ की मौत के बाद उन्होंने बीड़ा उठाया कि गम्भीर रोगों से ग्रस्त लोगों को वह हर तरह से मदद दिलाएंगे उसके बाद से आज तक बबलू लगभग 600 गम्भीर बीमारियों से ग्रस्त लोगों को मदद दिला चुके हैं। वह कहते हैं कि जो गरीब अक्षम परिवार के लोग गम्भीर बीमारी से पीड़ित हैं,वह उन्हें 9889279982 इस नम्बर पर फोन करें,उसकी मदद के लिए भरसक प्रयास करूंगा। बबलू बिंद की आज भी अखिलेश यादव हर सम्भव मदद करते हैं।
बिना मीडियाई शोर मचाये बिना किसी को जताये। अखिलेश यादव किसी की मदद करते हैं तो सिर्फ वह जानता है जिसकी मदद की गई हो। वह किसी का सहयोग करके उसे इवेंट नहीं बनाते ढिंढोरा नहीं पीटते।
बीते दिनों अम्मा का देहांत हुआ तो बेहद नर्वस था। समझ में नहीं आ रहा था क्या करूँ किसको फोन करूँ। सबको बारी बारी से रुंधे गले से बता रहा था। अब तक अम्मा के मृत्यु को आधे घण्टे हुए थें। तभी अचानक से मेरा फोन बजा...
विनय मौर्या...बोल रहे हैं....जी मैं अखिलेश बोल रहा हूँ....वाणी में नम्रता संवेदना वो मुझे सम्बल सांत्वना दे रहे थे।वैसे ही जैसे कोई बड़ा भाई कोई गार्जियन देता है।
मैं रुंधे गले से जी भईया जी भईया करता रहा। अंत में अखिलेश जी ने कहा मेरे लायक कोई जरूरत हो तो बताओ आप...मैंने कहा नहीं भईया धन्यवाद। उन्होंने पुनः जोर देते हुए कहा नहीं संकोच नहीं करो...कोई जरूरत हो तो बताओ। मेरे पुनः मना करने पर उन्होंने कहा कि अपना और बाकी लोगों का ख्याल रखना। और फोन कट गया।
सोचिये जिस क्षेत्र से मैं हूँ वहां के बीजेपी विधायक वर्तमान में मंत्री हैं। जो आज से दस साल पहले जब पहली बार टिकट लिये थें। तो मेरे घर आये थें की बीरू भाई टिकट मिल रहा है। चुनाव लड़ूं सपोर्ट रहेगा न। मैंने हां करने के साथ उस वक्त के चुनाव में जमकर लगा था। मगर वह विधायक आना तो दूर आज तक फोन से भी हाल खबर नही लिया।
और जिस अखिलेश सरकार के कार्यकाल में उनके मंत्रियों और सरकार के कामकाज पर अर्रा फाड़ कलम चलाता रहा। वह अखिलेश यादव जी आज मेरी ख़बर ले रहे हैं।
अखिलेश यादव के बारे में कहा जाता है कि वह लोगों को नहीं भूलते नहीं। वह सबकुछ याद रखते हैं। उनकी सरलता सहजता सादगी वाक़ई क़ाबिले तारीफ है।
अखिलेश मात्र एक राजनेता नहीं बल्कि साफ सुथरी लफ़्फ़ाजी मुक्त राजनीति के आईकॉन हैं।
जन्मदिन की ढेरों शुभकामनाएं अखिलेश भईया।
विनय मौर्या।