पत्रकारों पर एफआईआर सच को दबाने की कोशिश, यूपी में बेतहाशा बढ़ा है पत्रकारों पर जुल्म

उत्तर प्रदेश में लगातार पत्रकारों पर हमलों पर योगी सरकार ने चुप्पी साध रखी है.

Update: 2020-11-19 09:26 GMT

लखनऊ।उत्तर प्रदेश राज्य मान्यता प्राप्त संवाददाता समिति के अध्यक्ष और इंडियन फेडरेशन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट्स के उपाध्यक्ष हेमंत तिवारी ने फतेहपुर जिले में भारत समाचार चैनल के संवाददाता पर खबर दिखाने को लेकर की गईं एफआईआर की भर्त्सना की है।

हेमंत तिवारी ने कहा कि फतेहपुर में भारत समाचार के पत्रकारों को सच दिखाने का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है।उन्होंने कहा कि पत्रकारों की सुरक्षा राज्य का उत्तरदायित्व है पर यहां तो सरकार ही पत्रकारों का उत्पीड़न कर रही है।कल ही ललितपुर में एक पत्रकार के खिलाफ गलत एफआईआर दर्ज की गई और मिर्जापुर में एक अन्य पत्रकार को धमकी दी गई है।तिवारी ने कहा कि अकेले कोरोना काल में ही उत्तर प्रदेश में चार पत्रकारों की हत्या हो गयी है और 50 से ज्यादा एफआईआर दर्ज कर आतंक का माहौल बना दिया गया है। लोकतंत्र के लिए इसे घातक बताते हुए समिति अध्यक्ष ने कहा कि लगातार प्रदेश में पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करने की मांग की जा रही है पर उस पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।

हेमंत तिवारी ने कहा कि इससे पहले हाथरस कांड में भी अधिकारियों ने पत्रकारों के साथ दुर्व्यवहार किया था और उन्हें कवरेज से रोकने का काम किया था। आजमगढ़, मिर्जापुर, बलरामपुर, देवरिया, सोनभद्र, सीतापुर, कानपुर, लखनऊ सहित दर्जनों जिलों में पत्रकारों को सरकारी उत्पीड़न का शिकार बनाया गया है। एक अन्य टेलीविजन चैनल के संवाददाताओं पर भी हाल ही में मुकदमा दर्ज किया गया है। उन्होंने मांग की है कि फतेहपुर में भारत समाचार के संवाददाताओं सहित अन्य मामलों में दर्ज मुकदमे वापस लेते हुए पत्रकारों का उत्पीड़न करने वाले अधिकारियों पर कारवाई की जाए।::लखनऊ से तौसीफ़ क़ुरैशी

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