बुआ भतीजे ने पूंछा सवाल, ये क्या हो रहा है मित्रो? क्यों मची भगदड़!

केंद्र सरकार में शामिल एक मंत्री और आरबीआई गवर्नर के इस्तीफे के बाद सवाल खड़ा हो गया है.;

Update: 2018-12-10 16:36 GMT

 भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल द्वारा अचानक ही आज शाम अपने पद से इस्तीफा दिये जाने को अत्यन्त ही आश्चर्यचकित करने वाला फैसला बताते हुये बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने कहा कि वास्तव में यह पटेल के इस्तीफे का फैसला यह साबित करता है कि केन्द्र की बीजेपी सरकार की आर्थिक नीति से केवल देश की आमजतना में ही नहीं बल्कि हर संवैधानिक व स्वायत्त संस्था में भी काफी ज्यादा असंतोष व आक्रोश है।


आज शाम अपनी प्रतिक्रिया में मायावती ने कहा कि अब तो ऐसा स्पष्ट हो गया है कि केन्द्र की बीजेपी सरकार द्वारा आर्थिक इमरजेन्सी लगाने वाले नोटबन्दी के अपरिपक्व फैसले के साथ-साथ काफी आपाधापी में आधी रात से ही लागू किये गये जी.एस.टी. तथा सरकारी बैंकों पर धन्नासेठों को हर प्रकार से धन मुहैया कराने आदि की गरीब-विरोधी व धन्नासेठ- समर्थक नीतियों से कोई भी संस्था सहमत नहीं रही है और इसीलिये विभिन्न संस्थाओं के प्रमुख लोग एक-एक करके इस सरकार से अलग होते जा रहे हैं। यह केन्द्र सरकार के गलत नीतियों व अहंकारी कार्यप्रणाली को करारा जवाब है। 


वहीँ पूर्व सीएम और समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा के ख़िलाफ़ जनाक्रोश को देखकर उनके गठबंधन के साथी एक-एक करके अलग हो रहे हैं। उनके सांसद, मंत्री चुनाव न लड़ने की घोषणा कर रहे हैं। उनके सलाहकार व सर्वोच्च बैंक के पदाधिकारी अवांछित हस्तक्षेप के कारण पद त्याग रहे हैं। ऐसा पहली बार हो रहा है कि सरकार ख़ुद अराजकता फैला रही है।


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