गायत्री प्रजापति के घर छापे में मिले 11 लाख के पुराने नोट, कई बेनामी संपत्तियों के दस्तावेज भी मिले

ईडी ने खनन घोटाले में सपा सरकार में मंत्री रहे गायत्री प्रजापति, उनके बेटे अनिल और करीबियों के सात ठिकानों पर बुधवार को छापेमारी की

Update: 2020-12-31 06:26 GMT

लखनऊ : ईडी ने खनन घोटाले में सपा सरकार में मंत्री रहे गायत्री प्रजापति, उनके बेटे अनिल और करीबियों के सात ठिकानों पर बुधवार को छापेमारी की। लखनऊ, कानपुर और अमेठी में हुई छापेमारी में करीब 11 लाख रुपये के पुराने नोट, पांच लाख रुपये के सादे स्टांप पेपर, 1.50 लाख रुपये कैश और 100 से ज्यादा नामी-बेनामी संपत्तियों के दस्तावेज मिले हैं। देर रात तक कार्रवाई जारी थी।

जानकारी के मुताबिक, बुधवार को सुबह करीब 10 बजे सातों ठिकानों पर ईडी की लखनऊ और प्रयागराज यूनिट के 50 से ज्यादा अफसरों ने एक-साथ छापेमारी शुरू की। एजेंसी ने अमेठी और लखनऊ में हैवलॉक रोड स्थित गायत्री के आवास और करोड़पति ड्राइवर समेत तमाम उन सभी करीबियों के ठिकानों को खंगाला, जिनके नाम से संपत्तियां खरीदी गई हैं।

बेनामी संपत्ति में काली कमाई लगाई

अफसरों ने कानपुर में गायत्री और अनिल के सीए के दफ्तर के अलावा अनिल के विभूतिखंड में ओमेक्स स्थित दफ्तर में भी पड़ताल की। छापेमारी में लखनऊ, कानपुर, मुंबई और सीतापुर समेत छह से ज्यादा शहरों में संपत्तियों का पता चला है। ईडी को पड़ताल में इस बात के साक्ष्य मिले हैं कि खनन घोटाले से जुटाई गई काली कमाई को कई बेनामी संपत्तियों में निवेश किया गया है। ये संपत्तियां करीबी रिश्तेदारों, निजी सहायकों और ड्राइवरों के नाम पर ली गई हैं।

दर्जनों फाइलें साथ ले गई टीम

अमेठी की आवास विकास कॉलोनी में गायत्री के आवास और टिकरी में ड्राइवर रामराज के आवास से ईडी ने दर्जनों फाइलों को कब्जे में लिया। टीम ने गायत्री के रिश्तेदार हरिलाल प्रजापति और नौकर रामटहल वर्मा के घर को भी खंगाला। बताया जा रहा है कि टीम ने गायत्री की अवैध संपत्तियों के बारे में नौकर से पूछताछ भी की। उससे पूछा गया कि संपत्तियां खरीदने के लिए धन किन स्रोतों से आया? इसके अलावा आईटी रिटर्न और बैंक खातों के बारे में भी पूछा गया।

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