दिन और रात के लिए अलग-अलग होंगी बिजली की कीमतें, उपभोक्ता परिषद बोली- ये तुगलकी फैसला, देशव्यापी संघर्ष की तैयारी

Electricity prices will be different for day and night

Update: 2023-06-25 10:22 GMT

लखनऊ। केंद्र सरकार की ओर से दिन और रात के लिए अलग-अलग बिजली दर लागू करने के फैसले का विरोध शुरू हो गया है। उपभोक्ता परिषद ने इसे तुगलकी फरमान बताते हुए मोर्चा खोल दिया है। देश के अन्य उपभोक्ता संगठनों को एकजुट कर नियामक आयोग से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक याचिका दायर करने की तैयारी है।

केंद्र ने विद्युत उपभोक्ता अधिकार नियम 2020 में संशोधन के माध्यम से बिजली टैरिफ प्रणाली में दो बदलाव पेश किए हैं। इसमें दिन और रात की बिजली दर में अंतर रहेगा। यह कानून एक अप्रैल 2025 से लागू करने की तैयारी है। इससे दिन में 10 से 20 प्रतिशत सस्ती और रात में 10 से 20 प्रतिशत महंगी बिजली दी जाएगी।

यूपी में विद्युत नियामक आयोग ने घरेलू और उद्योगों के लिए अलग टैरिफ लागू कर रखा है। उपभोक्ता संगठनों की नेशनल को-ऑर्डिनेशन कमेटी के अध्यक्ष व राज्य उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि घरेलू उपभोक्ता अपने कुल उपभोग का 30 प्रतिशत दिन में 70 प्रतिशत रात में उपभोग करते हैं। इस कानून के जरिये दो रुपया का फायदा दिखाकर पांच रुपये वसूलने की तैयारी है।

उन्होंने बताया कि इस मुद्दे पर केंद्रीय ऊर्जा सचिव आलोक कुमार से बात की गई है। उनका कहना था कि यह नेशनल पॉलिसी है। वर्मा ने कहा कि ऊर्जा सचिव को बता दिया गया है कि उपभोक्ताओं का अहित करने वाली किसी भी पॉलिसी को लागू नहीं होने दिया जाएगा।

केंद्र सरकार के संशोधित कानून की जानकारी मिलते ही उपभोक्ता संगठन एकजुट होने लगे हैं। शनिवार को नेशनल को-ऑर्डिनेशन कमेटी के अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने विभिन्न राज्यों के संगठनों के साथ वर्चुअल बैठक की। इसमें तय हुआ कि सभी देश के सभी उपभोक्ता परिषद अपने-अपने राज्य के नियामक आयोग में याचिका दायर करेंगे। जरूरत पड़ी तो सुप्रीम कोर्ट में भी याचिका दायर की जाएगी।

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