यूपी के 'थानों में दंगल', गोरखपुर, गोंडा से बरेली तक चला 'कार्रवाई का हंटर' !

पूरब से पश्चिम तक थानों के अंदर "खाकी का खाकी से दंगल" थानेदार समेत पांच वर्दी वालों पर ""गाज''" !!

Update: 2022-07-29 08:03 GMT

धर्मेन्द्र रस्तोगी

लखनऊ। अनुशासित कहे जाने वाले पुलिस महकमे के जिम्मेदारों ने पूरब से पश्चिम तक खाकी की गरिमा को तार-तार किया तो यूपी पुलिस की छवि को लेकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर चर्चाओं का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है। गोरखपुर व गोंडा से लेकर बरेली तक के प्रकरणों की गूंज लखनऊ तक है। सरेआम खाकी के गौरव को ठेस पहुंचाने वाले पुलिस वालों पर गोरखपुर में असरदार एक्शन लिया गया है।

गोरखपुर के एसएसपी डॉ गौरव ग्रोवर ने फरियादियों के सामने आपस में झगड़ा करने वाले एसएचओ सहजनवा अंजुल चतुर्वेदी तथा दारोगा राम प्रवेश सिंह को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दोनों के खिलाफ विभागीय जांच के आदेश दे दिए हैं। थानेदार व उनके मातहतों के लिए सहजनवा थाना लड़ाई का अखाड़ा बना तो सुना है कि सीएम योगी आदित्यनाथ के कानों तक गोरखपुर पुलिस को शर्मसार करने वाली ये घटना पहुंची। सोशल मीडिया पर तो वीडियो जमकर वायरल हो ही रहा है। इसी तरह गोंडा जिले के कोतवाली देहात थाना में तैनात दो पुलिसकर्मियों में मारपीट, हाथापाई का वीडियो वायरल हुआ तो गोंडा के पुलिस कप्तान आकाश तोमर ने पुलिसकर्मी महेंद्र पटेल तथा अजय राजभर को तत्काल प्रभाव से लाइन हाजिर कर दिया है। ड्यूटी को लेकर हुए विवाद का वीडियो पुराना बताया जा रहा है।

गोरखपुर और गोंडा के पुलिसकर्मी जब दंगल कर सकते हैं तो बरेली कैसे पीछे रहता। बरेली के सुभाषनगर थाने में तैनात महिला दारोगा ने थाना परिसर को विवाद का अखाड़ा बना डाला। महिला दारोगा तथा लेडी कांस्टेबल में हुए विवाद की शिकायत एडीजी बरेली जोन राजकुमार के दरबार तक जा पहुंची। एसएसपी बरेली सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज ने पूरे मामले की जांच सीओ-टू आशीष प्रताप सिंह को दी है। फिलहाल, महिला दारोगा ज्योति त्यागी और लेडी कांस्टेबल लक्ष्मी शर्मा के बीच हुए विवाद को गंभीरता से लेते हुए बरेली के एसएसपी सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज ने महिला दारोगा ज्योति त्यागी के खिलाफ एक्शन लिया है।

उत्तर प्रदेश के इन जिलों में हालिया हुईं घटनाओं का जिक्र 5-केडी तक जा पहुंचा है। सीएम योगी पहले ही तमाम बैठकों में आला अधिकारियों को स्पष्ट तौर पर निर्देशित कर चुके हैं कि थानों में अनुशासन का वातावरण कायम होना चाहिए। पुलिसकर्मी पूरी मर्यादा में रहें। थाने पर आने वाले प्रत्येक पीड़ित के साथ सम्मानजनक तरीके से व्यवहार किया जाए, लेकिन गोरखपुर, गोंडा और बरेली में कुछ वर्दी वालों ने ही सीएम के दिशा-निर्देशों की नाफरमानी करते हुए सरेआम खाकी की गरिमा को तार-तार करने का दुस्साहस किया है। लखनऊ से कई बार इस तरह के निर्देश दिए जा चुके हैं कि उच्च अधिकारी थानों का आकस्मिक निरीक्षण करते रहें, ताकि थानों में क्या कुछ चल रहा है ? इस बात का पता चल सके और गुल खिलाने वाले वर्दी वालों पर एक्शन लिया जाए।

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