आईपीएस मणिलाल पाटीदार को जमानत मिली, पुलिस अभी तक नहीं लगा सकी चार्जशीट

Update: 2023-01-11 08:23 GMT

लखनऊ: आईपीएस मणिलाल पाटीदार को जमानत मिल गई है। लचर पैरवी के चलते आईपीएस मणिलाल पाटीदार को फिलहाल कोर्ट ने व्यापारी की हत्या रंगदारी मामले में जमानत दे डी है। मणिलाल पाटीदार 2014 बैच के आईपीएस अफसर है। 

मणिलाल पाटीदार को एंटी करप्शन कोर्ट से जमानत मिल गई है। क्योंकि पुलिस ने अब तक चार्जशीट ही दाखिल नहीं की जिसके चलते उनके खिलाफ कोई पुख्ता सबूत नहीं मिला है। इसके कारण उन्हे जमानत पर रिहा किया गया है। पुलिस ने  60 दिन की मियाद पूरी होने के वावजूद भी चार्जशीट दाखिल नहीं की। कानून की खामी का फायदा उठाकर पाटीदार को जेल से बाहर निकलने का मौका हाथ लग गया। 

मणिलाल पाटीदार महोबा में व्यापारी इंद्रकांत की हत्या,रंगदारी के केस में जेल में बंद है। उनके खिलाफ एक लाख का इनाम भी पुलिस विभाग द्वारा घोषित किया गया था। लेकिन उन्होंने अचानक कोर्ट में सरेंडर कर दिया। उसके बाद आज उन्हे जमानत मिल गई है। 

क्या है मामला 

महोबा के क्रशर व्‍यापारी इंद्रकांत त्रिपाठी की मौत के मामले में जेल में बंद निलंबित आईपीएस मणिलाल पाटीदार को रिश्‍वत मामले में तकनीकी आधार पर जमानत मिल गई है। पाटीदार की अर्जी पर भ्रष्टाचार निवारण के विशेष न्यायाधीश लोकेश वरुण ने जमानत मंजूर कर ली है। आरोपी को एक-एक लाख की दो जमानत, इतने का निजी मुचलका दाखिल करने का आदेश दिया है।

महोबा के पूर्व एसपी मणिलाल पाटीदार और दो थानेदार के खिलाफ 16 जनवरी 2020 को तत्कालीन डीआईजी के आदेश पर भ्रष्टाचार का मुकदमा दर्ज किया गया था। भ्रष्टाचार के आरोप में दस वर्ष से कम की सजा का प्रावधान है। ऐसे अपराध में 60 दिन के भीतर चार्जशीट दाखिल नहीं की जाती है तो आरोपी को जमानत का अधिकार मिल जाता है। मणिलाल पाटीदार को 29 अक्तूबर 2022 को न्यायिक हिरासत में लिया गया था।

इस लिहाज से 27 दिसंबर तक आरोपी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल हो जानी चाहिए थी, लेकिन विवेचक ने छह जनवरी तक चार्जशीट दाखिल नहीं की गई। कोर्ट में आरोपी मणिलाल पाटीदार की ओर से छह जनवरी को जमानत अर्जी दाखिल कर बताया गया कि उसके जेल जाने के 60 दिन के भीतर विवेचक ने चार्जशीट दाखिल नहीं की, लिहाजा भ्रष्टाचार के मामले में जमानत दी जाए। कोर्ट ने इस आधार पर जमानत स्वीकार कर ली।

कानपुर विजिलेंस कर रही विवेचना

सरकारी वकील के अनुसार महोबा के कोतवाली नगर 16 जुलाई 2020 को पीपी पांडेय इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर नीतीश पांडेय ने तत्कालीन एसपी मणिलाल पाटीदार, थानाध्यक्ष खरेला राजू सिंह और चरखारी थाने के प्रभारी राकेश सरोज के विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज कराई थी। रिपोर्ट डीआईजी रेंज चित्रकूट धाम के निर्देश पर दर्ज हुई थी। इसमें आरोप लगाया था कि बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे में मिट्टी ढुलाई में लगे ट्रकों को रोककर कागजात की जांच के नाम पर पैसे मांगे जाते हैं। पैसा नहीं देने पर चालान काटा जाता है।

पुलिस एक-एक हफ्ते तक ट्रकों को थाने में खड़ा किए रहती है। नीतीश ने आरोप लगाया कि तत्कालीन पुलिस कप्तान मणिलाल पाटीदार ने फोन कर कर्मचारी अमित तिवारी को बुलाया और दो लाख रुपए हर महीने देने की बात कही। मामला दर्ज होने के बाद विवेचना सतर्कता अधिष्ठान के कानपुर से की जा रही है।

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