आईपीएस आर के विश्वकर्मा ने 13 दिन की जिम्मेदारी में कर दिया उमेश पाल के हत्यारों का काम तमाम

Update: 2023-04-14 10:54 GMT

उत्तर प्रदेश पुलिस के कार्यवाहक डीजीपी के रूप में 1 अप्रैल से जिम्मेदारी निर्वाहन करने वाले आईपीएस अधिकारी आर के विश्वकर्मा ने प्रयागराज के केस का खात्मा कर दिया। जब 13 अप्रैल को यूपी पुलिस ने पाँच लाख के दो इनमिया मार गिराए। 

आईपीएस आर के विश्वकर्मा हमेशा अपने काम के प्रति सजग अधिकारी के रूप में देखें जाते है। उन्होंने चार्ज लेने के 13 दिन में अपनी कार्यशैली से इस बड़े कारनामे को अंजाम तक पहुंचाया। इस पूरे मामले को एडीजी एसटीएफ अमिताभ यश लीड कर रहे थे। 

आर के विश्वकर्मा का जन्म 10 मई 1963 को उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले में बी आर विश्वकर्मा के घर में हुआ। यूपी के जौनपुर निवासी आर के विश्वकर्मा ने मैकेनिकल से इंजीनियरिंग की और उसके बाद पीएचडी की डिग्री हासिल की। 25 अगस्त 1990 में आपका आईपीएस कंफर्म हुआ। उसके बाद 1992 में सीनियर स्केल यानि एसपी के पद पर पोस्टिंग हुई। उसके बाद आपको डीआईजी के पद पर दिसंबर 2004 में प्रमोशन मिला। 2008 में उन्हे आईजी के पद पर प्रमोट किया गया। 2013 में आपको अपर पुलिस महानिदेशक के पद पर तैनात किया गया। उसके बाद आपको पुलिस महानिदेशक के पद पर 2019 के पद नियुक्त किया गया और उन्हे पुलिस भर्ती प्रोन्नति बोर्ड का पुलिस महानिदेशक नियुक्त किया गया तब से लेकर अब तक इसी पद पर तैनात थे।

आईपीएस डॉ आर के विश्वकर्मा यूपी के कई जिलों में एसपी एसएसपी के पद पर तैनात रह चुके है। नियमों के जानकार और बेदाग छवि वाले अफसर के रूप में पहचान बनाने वाले आरके विश्वकर्मा, पुलिस मेडल, अति उत्कृष्ट सेवा मेडल तथा डीजी कमेंडेशन डिस्क (प्लेटिनम गोल्ड सिल्वर) से सम्मानित हो चुके हैं. उनके लिए के लिए नगर निकाय चुनाव शांति से कराना सबसे बड़ी चुनौती होगी. इसके साथ ही उमेशपाल हत्याकांड जैसे बड़े मामलों का खुलासा कर अपराधियों को सजा दिलाना, अपराधियों के गठजोड़ को पनपने नहीं देना भी आसान कम चुनौतीपूर्ण नहीं होगा।

पहली प्रेस वार्ता में कानून व्यवस्था को लेकर किया बड़ा एलान

यूपी के नए डीजीपी आरके विश्वकर्मा ने चार्ज लेने के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की जिसमें उन्होंने कहा, कि यूपी पुलिस को और भी मॉडर्न बनाएंगे। प्रदेश में असहाय, गरीबों, महिलाओं के लिए कार्य करेंगे। साथ ही आरके विश्वकर्मा ने कहा, यूपी से माफियाओं को खत्म करेंगे यानि कि माफियाओं पर कड़ी कार्रवाई करेंगे।

कब कौन सा पदक मिला

वर्ष - 2004 में पुलिस पदक

वर्ष 20017 में डीजी कमेंडेशन डिस्क सिल्वर

वर्ष 20018 में डीजी कमेंडेशन डिस्क गोल्ड

वर्ष 2019 में डीजी कमेंडेशन डिस्क प्लेटिनम

वर्ष 2021 में अति उत्कृष्ट सेवा मेडल

आईपीएस मुकुल गोयल के बाद वह दूसरे सबसे सीनियर आइपीएस हैं। बताया जा रहा है कि वह जल्द ही चार्ज संभालेंगे। उनका रिटायरमेंट मई 2023 में होना है। डीजी भर्ती बोर्ड आर के विश्वकर्मा को यह प्रभार डीजीपी डॉ डीएस चौहान के द्वारा हैंडओवर किया जाएगा। इस दौरान दो माह तक उनके पास यह प्रभार रहेगा। उसके बाद पूर्णकालिक डीजीपी के लिए प्रपोजल भेजा जाएगा। आरके विश्वकर्मा सपा सरकार में आईजी कानून व्यवस्था के पद की जिम्मेदारी भी संभाल चुके हैं।

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