आईपीएस विनीत जायसवाल ने डीसीपी साउथ लखनऊ का कार्यभार संभाला

आईपीएस विनीत जायसवाल उत्तर प्रदेश के गिने चुने तेज तर्रार अफसरों में गिने जाते है।

Update: 2023-03-28 06:03 GMT

उत्तर प्रदेश सरकार ने बीते दिनों 2014 बैच के आईपीएस अधिकारी विनीत कुमार जायसवाल को लखनऊ कमिश्नरी में नियुक्त किया गया है। उनके सराहनीय कामों को देखते हुए लखनऊ कमिश्नर ने उनकी लखनऊ कमिश्नरी के साउथ डीसीपी के पद की जिम्मेदारी दी है। आज उन्होंने कार्यभार संभाल लिया है। 

विनीत जायसवाल एक ईमानदार और कार्य कुशल अधिकारी के रूप में जाने जाते है। उत्तर प्रदेश में जब योगी आदित्यनाथ की सरकार हाथरस जिला रेप पीड़िता की मौत से जल रहा था। तब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उनकी कार्यकुशलता को देखते हुए उन्हे हाथरस की जिम्मेदारी सौंपी थी। विनीत जायसवाल उस समय संवेदनशील जिले शामली के एसपी के पद पर तैनात थे। उसके बाद अमरोहा जिले के एसपी बने। वहाँ से उन्हे अति संवेदनशील जनपद मुजफ्फरनगर की कमान सौंपी गई जहां उन्होंने पुलिस का इकबाल कायम किया और पुलिस में भ्रष्टाचार का खात्मा किया। वहाँ हुए उपचुनाव में बीजेपी की हार का प्रकोप उन्हे ले डूबा। जिसमें इटावा मैनपुरी और मुजफ्फरनगर जिले की एसपी एसएसपी हटाए गए। तब से लखनऊ में प्रतीक्षा रत थे अभी कुछ दिनों पहले हुए ट्रांसफर पोस्टिंग मने उन्हे लखनऊ कमिश्नरी में भेजा गया है जहां कमिश्नर ने उन्हे साउथ डीसीपी की कमान सौंप दी है। 

कौन है आईपीएस अधिकारी विनीत जायसवाल 

विनीत जायसवाल मूल रूप से योगी आदित्यनाथ के शहर गोरखपुर के रहने वाले हैं। लेकिन उन पर सीएम के भरोसे की वजह यह नहीं है। बल्कि, विनीत ने कुशल नेतृत्व और मधुर व्यवहार से जिस तरह की पुलिसिंग अब तक की है, वह हर किसी को प्रभावित करती है। अपनी वर्दी और ड्यूटी के प्रति विनीत जायसवाल का परायणता और कर्मठता काबिले-तारीफ है। इसकी प्रेरणा उन्हें अपने पिता श्री राधेश्याम जायसवाल से मिली है जो जेल अधीक्षक रहे हैं। यही वजह है कि विनीत ने शिक्षा के दौरान ही खाकी वर्दी पहनने को अपना लक्ष्य बना लिया था। और, वह मैनेजमेंट व इंजीनियर के क्षेत्र में अच्छे अवसरों को छोड़कर पुलिस सेवा में आए हैं। 

विनीत जायसवाल ने नोएडा में जेएसएस एकेडमी ऑफ टेक्नीकल एजुकेशन से कंप्यूटर साइंस से बीटेक किया, जिसके बाद इंफोसिस ज्वाइन की। इसी बीच आईआईएम, केरल में भी उनका चयन हो गया, लेकिन उन्होंने तो पुलिस सेवा में जाने का सपना देखा था जिसे पूरा करने के लिए 2011 से तैयारी शुरू की। लगातार दो असफलताओं के बाद तीसरे प्रयास में उन्हें सफलता प्राप्त हुई और वह आईपीएस अधिकारी बन गए।

पुलिस अकादमी में ट्रैनिंग के उपरांत विनीत जायसवाल को अंडर ट्रेनी अफसर के रूप में आगरा में तैनात किया गया। आगरा में थाना इंचार्ज रहते हुए उन्होंने कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ अभियान चलाकर हलचल मचा दी थी। आगरा के बाद उन्होंने इलाहाबाद, इटावा, गौतमबुद्धनगर औऱ नोएडा में विभिन्न जिम्मेदारियों पर रहते हुए अपनी खास कार्यशैली से कामयाबी हासिल की। 


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