सपा संरक्षक के जीवन पर बनी फिल्म 'मैं मुलायम सिंह यादव' का नया पोस्टर रिलीज

समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव के जीवन पर बन रही फिल्म 'मैं मुलायम सिंह यादव' का नया पोस्टर रिलीज हुआ है.

Update: 2020-06-25 13:18 GMT

मुंबई. उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के संरक्षक मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) के जीवन पर बन रही फिल्म 'मैं मुलायम सिंह यादव' (Main Mulayam Singh Yadav) का नया पोस्टर रिलीज हुआ है. फिल्म निर्माताओं ने इसकी रिलीज के बारे में कोई जानकारी नहीं दी है. पोस्टर में बताया गया है- जब पूंजीवाद और ब्यूरोक्रेसी राजनीति के मुख्य स्तंभ बन चुके थे, तब वे आए और राजनीतिक परिदृश्य बदल दिया.

बता दें कि फिल्म 'मैं मुलायम सिंह यादव' में अमित सेठी, मिमोह चक्रवर्ती, गोविंद नामदेव, मुकेश तिवारी, जरीना वहाब और सुप्रिया कार्णिक नजर आएंगे. फिल्म का निर्देशन सुवेंदु राज घोष ने किया है.

नेहरू के जमाने से अडिग है ये 'धरतीपुत्र', मोदी लहर भी नहीं डिगा सकी

गौरतलब है कि समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव देश के उन चुनिंदा नेताओं में से हैं, जिन्होंने करीब 6 दशक से देश की राजनीति को न सिर्फ जिया है, बल्कि उस पर अपनी 'धरतीपुत्र' छवि का ठप्पा भी लगाया है. 80 वर्ष पूरे कर चुके मुलायम सिंह यादव करीब 59 वर्ष से राजनीतिक जीवन में सक्रिय हैं. 1960 में राजनीतिक जीवन की शुरुआत करने के वाले मुलायम सिंह यादव देश के उन ​चुनिंदा नेताओं में से एक हैं, जो पने राजनीतिक जीवन में किंग मेकर से लेकर ​किंग तक की भूमिका में रहे. चाहे वह केंद्र की सत्ता हो या उत्तर प्रदेश की, हर जगह मुलायम ने अपना लोहा मनवाया.



1967 में पहली बार जीतकर पहुंचे यूपी विधानसभा

22 नवंबर 1939 को मुलायम सिंह एक साधारण परिवार में जन्मे. उन्होंने अपने शैक्षणिक जीवन में B.A, B.T और राजनीति शास्त्र में M.A की डिग्री हासिल की. उनकी पूरी पढ़ाई केके कॉलेज इटावा, एक.के कॉलेज शिकोहाबाद और बीआर कॉलेज आगरा यूनिवर्सिटी से पूरी हुई. मालती देवी से शादी के बाद साल 1973 में मुलायम सिंह के घर उनके इकलौते बेटे अखिलेश यादव ने जन्म लिया. लेकिन तब तक वह राजनीति की दुनिया में अपने कदम जोरदार तरीके से जमा चुके थे.

देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के जमाने में 1960 में मुलायम सिंह यादव ने राजनीति की शुरुआत की थी और 1967 के चुनाव में वह पहली बार विधायक बन चुके थे. राजनीति में कूदने के लिए उन्हें प्रेरित करने वाली शख्सियत का नाम राम मनोहर लोहिया का था. इसके बाद तो उन्होंने लोकसभा से लेकर यूपी विधानसभा में अपनी गहरी छाप छोड़ी. राजनीति में मुलायम के कद का इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि 2014 की मोदी लहर में जब कई सियासी दिग्गज हार का मुंह देख रहे थे, मुलायम सिंह यादव ने अकेले दो सीटों मैनपुरी और आजमगढ़ से जीत दर्ज की. बाद में उन्होंने मैनपुरी सीट अपने ही परिवार के तेज प्रताप यादव के लिए छोड़ दी और आजमगढ़ से सांसद रहे.

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