यूपी में भूमाफ़िया एवं बदमाशों के निशाने पर जनता एवं पत्रकार ही नही है अब अफ़सर भी है निशाने पर, लेकिन सरकार खामोश क्यों?

Update: 2020-07-26 12:51 GMT


लखनऊ। उत्तर प्रदेश में अजब ग़ज़ब का स्वयंभू रामराज चल रहा है भूमाफ़ियाओं एवं बदमाशों के निशाने पर जनता और पत्रकार ही नही है अफ़सर भी है जो चिंता का विषय है। मथुरा में एसडीएम (पीसीएस) को जान से मारने की धमकी मिलने के बाद बलिया में तैनात एडीएम (एफ) पीसीएस अफ़सर की ज़मीन पर भूमाफ़ियाओं ने क़ब्ज़ा कर लिया है एडीएम (एफ) की मदद को डीएम बलिया श्रीहरि प्रसाद शाही ने 23-7-2020 को डीएम और एसपी मिर्ज़ापुर को पत्र लिखकर जाँच करा कर मामले को देखने की बात कही गई है। डीएम बलिया के पत्र की प्रतिलिपि नगर निगम लखनऊ के आयुक्त इंद्रमणि त्रिपाठी को भी की गई है साथ ही यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष को भी की गई है।

लखनऊ में भी एक ऐसा ही मामला चर्चा का विषय बना हुआ है बिहार कैडर के आईजी रैंक के आईपीएस अफ़सर की ज़मीन पर भूमाफ़ियाओं की नज़र डीजी ऑफिस अफ़सरों की मनुहार के बाद भी बिहार कैडर के आईपीएस अफ़सर को न्याय नही मिल सका है क्या यही रामराज है यह लोगों में चर्चा का विषय बना हुआ है कि जब यूपी के अफसरों का ये हाल है तो जनता का क्या हाल होगा अंदाज़ा ही लगाया जा सकता है कि कैसे भयावह हालात से इस समय यूपी गुजर रहा है मगर बग़ल में फ़ाइल दबाकर चलने वाले अफ़सर सब चंगा सा है कह कर अपनी ज़िम्मेदारियों से मुँह मोड़ रहे यही बात सबसे घातक है।

इसी का फ़ायदा उठाकर बेख़ौफ़ निडरता के साथ बदमाश भूमाफ़िया आपराधिक प्रवर्ती के लोग आपराधिक घटनाओं को अंजाम दे रहे है और योगी सरकार का नारा है यूपी में बदमाशों के लिए कोई जगह नही है फिर यह सब क्यों और कैसे हो रहा है इसका जवाब किसी के पास नही है और ना ही कोई पूछना चाहता है। विपक्षी दल भी सिर्फ़ ख़ानापूर्ति के तौर पर ही टिका टिप्पणी कर निकल लेते है कांग्रेस पार्टी तो है यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार को कटघरे में खड़ा कर रही है सरकार जो हर मोर्चे पर विफल हो रही है। कांग्रेस उनकी सरकार की विफलताओं को जनता के बीच ले जा रही है योगी सरकार के ख़िलाफ़ आवाज़ उठा रही है बाक़ी कोई दल ऐसा नही है। जो सरकार को जगाने का काम कर रहा हो वैसे कहते है अपने आपको मुख्य विपक्षी दल वास्तव में है भी लेकिन भूमिका निभाने के सवाल पर ख़ामोशी की चादर ओढ़ कर सोए हुए है चाहे सपा हो या बसपा। झूटो के इस दौर में चलों चले सच बोलते है।

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