सीएम योगी की इन 55 योजनाओं पर केंद्र सरकार ने लगाई मोहर, जानिए कौन-कौन सी हैं ये है सरकारी योजना

Update: 2022-10-29 05:05 GMT

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रयासों के चलते गंगा की सहायक नदियों को प्रदूषण मुक्त pollution free रखने का प्रयास सफल होता दिख रहा है। मुख्यमंत्री CM की पहल पर केंद्र सरकार Central government ने उनके प्रस्ताव पर मुहर लगाते हुए प्रदेश के लिए 11433.06 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से 1574.24 एमएलडी क्षमता के एसटीपी STP के निर्माण के लिए कुल 55 सीवरेज बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को मंजूरी दे दी है।

प्रदेश में अनुमानित सीवेज उत्पादन 5500 एमएलडी है, जिसके एक बड़े हिस्से का ट्रीटमेंट राज्य में स्थापित 114 एसटीपी द्वारा किया जाता है, जिसकी क्षमता 3539.72 एमएलडी है। इस अंतर को पाटने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने केंद्र सरकार centra govenrement के सामने कई सीवरेज परियोजनाओं का प्रस्ताव रखा था। इन प्रयासों को ही मंजूर किया गया है।

सीएम की मॉनीटरिंग से महज चार माह में पूरी होंगी 8 परियोजनाएं

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा लगातार परियोजनाओं की मॉनीटरिंग की जा रही है। यही वजह है कि प्रदेश में महज चार माह सितंबर 2022 से दिसंबर 2022 तक कुल 8 परियोजनाएं पूरी हो जाएंगी। इन परियोजनाओं में प्रयागराज के नैनी, फाफामऊ और झूंसी में 767.59 करोड़ रुपये की लागत से 72 एमएलडी क्षमता का निर्माण किया जा रहा है।

वहीं कानपुर के पंखा में 967.23 करोड़ रुपये की लागत से 160 एमएलडी, उन्नाव में 102.2 करोड़ रुपये की लागत से 15 एमएलडी क्षमता के इंटरसेप्सन और डायवर्जन की संरचनाओं का निर्माण, उन्नाव के शुक्लागंज में 65.18 करोड़ रुपये की लागत से 5 एमएलडी क्षमता के इंटरसेप्सन और डायवर्जन, सुल्तानपुर में 70.18 करोड़ से 17 एमएलडी क्षमता के इंटरसेप्सन और डायवर्जन, बुढ़ाना में 48.76 करोड़ से 10 एमएलडी क्षमता के इंटरसेप्सन और डायवर्जन, जौनपुर में 206 करोड़ की लागत से 30 एमएलडी क्षमता के इंटरसेप्सन और डायवर्जन और बागपत में 77.36 करोड़ की लागत से 14 एमएलडी क्षमता के इंटरसेप्सन और डायवर्जन का निर्माण कार्य किया जा रहा है, जो की दिसंबर 2022 तक पूरी हो जाएंगी।

सीएम की समीक्षा से गंगा के जल की गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार

राज्य सरकार का दावा है कि मुख्यमंत्री की लगातार मॉनीटरिंग और समय-समय पर नमामि गंगे कार्यक्रम की समीक्षा बैठक के चलते प्रदेश में कन्नौज से वाराणसी तक प्रदूषित नदी के खंड में बीओडी के मामले में सुधार दर्ज किया गया है, जो वर्ष 2015 में 3.8-16.9 मिलीग्राम/लीटर हुआ करता था और अब वर्ष 2022 में 2.5-4.3 मिलीग्राम/लीटर है।


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