UP: बजट सत्र के पहले दिन विपक्ष का जोरदार हंगामा, धरने पर बैठे सपा और कांग्रेस नेता

उत्तर प्रदेश विधान मंडल के बजट सत्र का पहला दिन हंगामे और विरोध प्रदर्शन के शोर-शराबे के साथ शुरू हुआ।

Update: 2020-02-13 07:38 GMT

लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा का बजट सत्र आज से शुरू हो गया है। बजट 18 फरवरी को पेश किया जाना है। इस बार बजट का आकार करीब पांच से सवा पांच लाख करोड़ रुपये के करीब होने का अनुमान है। बजट सत्र शुरू होते ही विधानसभा में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के भाषण के दौरान विपक्ष ने सीएए-एनआरसी और कानून-व्यवस्था सहित विभिन्न मुद्दों पर जोरदार प्रदर्शन किया।

जैसे ही राज्यपाल ने अभिभाषण शुरू किया सपा समेत अन्य विपक्षी दलों के सदस्य अपनी-अपनी सीट से खड़े हो गए और नारेबाजी करने लगे. इस दौरान 'राज्यपाल वापस जाओ' के नारे भी लगे. विपक्षी दल नागरिकता संशोधन कानून, एनआरसी, गैस सिलेंडर की कीमत में वृद्धि, कानून व्यवस्था, किसानों की समस्या, रोजगार के मुद्दे पर नारेबाजी करते रहे.।

इससे पहले बजट सत्र की कार्यवाही शुरू होने से पहले गुरुवार को सपा विधायकों ने विधान भवन स्थित चरण सिंह की प्रतिमा के नीचे धरने पर बैठ गए. सपा के दोनों सदनों के सदस्यों ने इस दौरान नागरिकता संशोधन कानून, बेरोजगारी, महंगाई, महिलाओं पर अत्याचार, गन्ना, धान व आलू किसानों की समस्याओं को लेकर योगी सरकार पर निशाना साधा. सपा के सभी एमएलए और एमएलसी चौधरी चरण सिंह की प्रतिमा के पास धरने पर करीब 1 घंटे तक बैठे रहे। 


विधानसभा में समाजवादी पार्टी के नेता विरोधी दल रामगोविंद चौधरी के अगुवाई में होने वाले इस धरने में विधान परिषद में नेता विपक्ष अहमद हसन भी मौजूद रहे. समाजवादी पार्टी के सभी एमएलए और एमएलसी धरने के दौरान मौजूद रहे. नेता विरोधी दल रामगोविंद चौधरी ने कहा कि " बीजेपी सरकार अभी तक कोई भी अपना काम नहीं शुरू कर पाई है और अखिलेश यादव के जरिए किए गए कामों का ही उद्घाटन हो रहा है. सरकार यह नहीं बता सकती है कि उन्होंने कोई भी 25 फीट ऊंची इमारत ही बना दी हो. योगी सरकार अब रिजर्वेशन से भी छेड़खानी कर रही है. साथ ही दलितों और पिछड़ों के हक को मारने की साजिश बना रही है. सरकार प्राइवेट लिमिटेड लोगो की ही मदद कर रही है और निजीकरण को ही बल दे रही है. आखिर जनता को कब तक गुमराह किया जाएगा".



 


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