योगी सरकार ने किया ऐलान उधर अपराधियों में मचा हड़कंप, दुष्कर्म एवं पाक्सों एक्ट के अपराधों के अपराधियों को अब नही मिल सकेगी अग्रिम जमानत

Update: 2022-09-23 12:14 GMT
योगी आदित्यनाथ (फाइल फोटो)

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ महिलाओं एवं बच्चों के प्रति होने वाले अपराधों के प्रति अत्यन्त संवेदनशील है। राज्य सरकार ने जीरो टालेरन्स की नीति के तहत महिलाओं तथा बालकों की सुरक्षा के प्रति संवेदनशीलता का परिचय देते हुए ऐसे घृणित अपराधों के प्रति कठोर कदम उठाये हंै।

महिलाओं एवं बच्चों के न सिर्फ शरीर अपितु उनकी आत्मा तक को गम्भीर चोट पहुंचाने वाले ऐसे अपराधियों का मनोबल सरकार के इस निर्णय से तोड़ा जा सकेगा और समाज में महिलाओं एवं बालकों के मन में राज्य की विधि व्यवस्था के प्रति अटूट विश्वास उत्पन्न होगा।

राज्य सरकार के प्रवक्ता ने उक्त जानकारी देते हुए बताया कि महिलाओं के विरूद्ध बलात्कार और बच्चों के विरूद्ध यौन हमलों के घृणित अपराधों के प्रति वर्तमान कानून को और अधिक कठोर करने की आवश्यकता के दृष्टिगत उन्होेंने दुष्कर्म एवं पाक्सों एक्ट में कठोर कार्रवाही सुनिश्चित करने के उद्देश्य से इससे सम्बन्धित अपराध की धाराओं में संशोधन कर ऐसे अपराधों में लिप्त अपराधियों की अग्रिम जमानत की व्यवस्था को समाप्त किये जाने की कार्यवाही की गयी है।

सरकारी प्रवक्ता ने यह भी बताया है कि शासन द्वारा दण्ड प्रक्रिया संहिता (उत्तर प्रदेश संशोधन) अधिनियम, 2018 में संशोधन के माध्यम से धारा-438 की उपधारा-6 में उपखण्ड-5 के माध्यम से पाॅक्सों अधिनियम, 2012 तथा उपधारा-6 में उपखण्ड-सी के माध्यम से भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 376, 376ए, 376एबी, 376बी, 376सी, 376डी, 376डीए, 376डीबी, 376ई को सम्मिलित करते हुए दण्ड प्रक्रिया संहिता (उत्तर प्रदेश संशोधन) अधिनियम, 2018 में संशोधन करते हुए दण्ड प्रक्रिया संहिता (उत्तर प्रदेश संशोधन) विधेयक, 2022 के माध्यम से कार्रवाही की गयी।

प्रवक्ता ने बताया कि राज्य में महिला एवं बाल अपराधों से संबंधित अपराधियों के विरूद्ध दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 में दण्ड प्रक्रिया संहिता (उत्तर प्रदेश संशोधन), 2018 द्वारा अंतः स्थापित की गयी धारा 438 की उपधारा 6 में अग्रिम जमानत के अपवादों में पाॅक्सों अधिनियम 2012 के अपराधों तथा भारतीय दण्ड संहिता, 1860 में वर्णित बलात्कार से संबंधित समस्त अभियोगों को भी सम्मिलित कर दिया जाना समीचीन पाते हुए अग्रिम जमानत संबंधी धारा 438 मे उक्त आशय का संशोधन प्रस्तावित किया गया।

सरकार के इस निर्णय सेे महिलाओं के प्रति बलात्कार एंव बच्चों के प्रति यौन उत्पीड़न जैसे जघन्य अपराध कर्ताओं को कड़ा संदेश दिया गया है कि इन अपराधों में प्रभावी कार्रवाही के लिए प्रदेश सरकार बहुत सख्त है।

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