मुजफ्फरपुर में नावालिग़ दलित लड़की को पन्द्रह दिन पहले सामूहिक बलात्कार के बाद ज़िंदा जलाया, प्रशासन खामोश क्यों?

Update: 2019-06-13 02:42 GMT

मुज़फ़्फ़रनगरः उत्तर प्रदेश के मुज़फ़्फ़रनगर में एक नाबालिग दलित लड़की से कथित तौर पर सामूहिक बलात्कार के बाद उसे जिंदा जला दिया गया. इस मामले में पुलिस ने सात लोगों के ख़िलाफ़ केस दर्ज किया है. आरोपियों की तलाश जारी है. लेकिन अभी तक इस केस में कोई गिरफ्तारी नहीं होने के की जानकारी समाने आई है. 

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तर प्रदेश पुलिस ने मुज़फ़्फ़रनगर जिले में 14 साल की दलित लड़की का कथित तौर पर बलात्कार करने और उसे जिंदा जलाने के मामले में सात लोगों के ख़िलाफ़ केस दर्ज किया है.

पुलिस का कहना है कि लड़की का शव बीते शुक्रवार को जली हुई अवस्था में एक ईंट-भट्ठे के पास से बरामद किया गया. लड़की इसी ईंट के भट्ठे में काम करती थी. पुलिस के मुताबिक, पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चला है कि लड़की की मौत जलने और दम घुटने से हुई है. अभी इस मामले में किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है, पुलिस का कहना है कि फिलहाल हम सबूत जुटाने में लगे हैं.

क्षेत्र के सर्कल ऑफिसर के मुताबिक, 'पीड़िता के पिता की शिकायत के आधार पर ईंट-भट्ठा के मालिक और छह अन्य के ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज की गई है. इन लोगों पर सामूहिक बलात्कार, हत्या और अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति अत्याचार अधिनियम की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है. बलात्कार के आरोपों की अभी पुष्टि नहीं हुई है लेकिन जांच लंबित है और सबूतों के आधार पर ही गिरफ्तारियां की जाएंगी.'

पीड़िता के पिता के मुताबिक, 'वह अपनी पत्नी के साथ दवाइयां लेने के लिए एक दिन के लिए गांव से दूर गए थे. अगली सुबह उन्हें पता चला कि उनके घर में उनकी बेटी का शव जली हुई अवस्था में मिला है.' पुलिस का कहना है कि परिवार को शुरुआत में सामूहिक बलात्कार का संदेह नहीं था लेकिन रविवार को ईंट-भट्ठा के मालिक और अन्य अनाम आरोपियों के ख़िलाफ़ शिकायत दर्ज कराई.

परिवार का कहना है कि उनकी गैरमौजूदगी में बेटी का बलात्कार किया गया और बाद में उसे जलाकर मार दिया गया. लड़की की चप्पलें और कुछ कपड़े घटनास्थल से बरामद हुए हैं. पुलिस का कहना है कि राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने इस मामले का संज्ञान लिया है. मजिस्ट्रेट के सामने पीड़िता के पिता का बयान दर्ज किया जाएगा.

लड़की के पिता ने कहा, 'मैं शुक्रवार शाम को गया था और मेरे बच्चे ईंट-भट्ठा के पास बनी झुग्गी में सो रहे थे. मेरी बेटी अंदर सो रही थी जबकि बेटा झुग्गी के बाहर सो रहा था. प्रशासन इस मामले को इस तरह पेश करने की कोशिश कर रहा है कि उसकी मौत दुर्घटनावश हुई, जो गलत है. इलाके में काम करने वाले लोग उसे उठाकर ले गए और बलात्कार के बाद उसकी हत्या कर दी गई.'

सूत्रों का कहना है कि शव की ली गई तस्वीरों से पता चलता है कि लड़की के टखने पर रस्सी के निशान थे. उन्होंने कहा, 'कमरे के भीतर कपड़ों का ढेर लगा था, जिसे देखकर लगता है कि इस घटना को दुर्घटना की तरह दिखाने के लिए कपड़ों को इकट्ठा कर आग लगाई गई. कमरे में बिजली नहीं थी. ऐसा कोई भी सामान नहीं था, जिससे आग लग सके तो आग लगी कैसे?' उन्होंने कहा, 'हर कोई जानता है कि क्या हुआ लेकिन सब चुप हैं. जो कोई भी बोलना चाहता है, उसके ऊपर बहुत दबाव है.'

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