इविवि के 133वे स्थापना दिवस पर बोले राज्यपाल कलराज मिश्र 'यह विश्वविद्यालय महान व्यक्तित्व रूपी रत्नों का उत्पादक रहा है'

इलाहाबाद विश्वविद्यालय के सीनेट हाल में विश्वविद्यालय के 133 वें स्थापना दिवस समारोह को धूमधाम के साथ आयोजित किया गया

Update: 2019-09-23 12:56 GMT

शशांक मिश्रा : इलाहाबाद विश्वविद्यालय के सीनेट हाल में विश्वविद्यालय के 133 वें स्थापना दिवस समारोह को धूमधाम के साथ आयोजित किया गया। विश्वविद्यालय के संगीत विभाग के छात्रों द्वारा प्रस्तुत विश्वविद्यालय वंदना व सांस्कृतिक गीतों से कार्यक्रम की शुरुआत की गई ! कार्यक्रम में बतौर विशिष्ट अतिथि सांसद डॉ रीता बहुगुणा जोशी ने अपने भाषण में कहा कि विश्वविद्यालय को बरगद के वृक्ष की तरह बताया जिसकी हर एक शाखा नए वृक्ष का रूप ले लेने में सक्षम होती है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय कैम्पस को राजनीति से दूर रहना चाहिए। रीता जी ने कहा कि जब उन्होंने राजनीति की शुरुआत कि तो सबसे पहले विश्वविद्यालय से त्यागपत्र दिया। उन्होंने विश्वविद्यालय की खोई हुई गरिमा व प्रतिष्ठा को वापस लाने में संघर्षशील व अथक प्रयासरत कुलपति रतनलाल हांगलू की मुक्त कंठ से प्रशंसा की। 

लालसमारोह के मुख्य अतिथि राज्यपाल कलराज मिश्र जी ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय के गौरवमयी इतिहास को रेखांकित करते हुए उसकी विशेषताओं को बताया। साथ ही मुख्य अतिथि के रुप में उपस्थित होने के गौरवान्वित व हृदय हर्षित अनुभूति को भी व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि प्रयाग गंगा, यमुना, सरस्वती जैसे रत्न मणियों से सुसज्जित रहा है। जिसमें सरस्वती लुप्तप्राय अवस्था में थीं, उन्हीं माता सरस्वती के एक नए रूप में इलाहाबाद विश्वविद्यालय ने यहां पर प्रतिष्ठा पाई हैं राज्यपाल ने विश्वविद्यालय प्रशासन व विश्वविद्यालय की गतिविधियों को सुचारु व सफल रूप से संचालित करने के लिए विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो रतनलाल हांगलू की प्रशंसा की। इस संदर्भ में उन्होंने कहा विश्वविद्यालय को पहले पूर्व का ऑक्सफोर्ड कहा जाता था, बीते कुछ दशकों से विश्वविद्यालय की इस ख्याति में आवरण सा छाता जा रहा था, जिसेे हटाने का और पुनः उसी स्वरूप में लाने का सफल प्रयास कुलपति प्रो रतनलाल कर रहे हैं। मैं इन्हें इस के लिए बहुत बधाई व ढेरों शुभकामनाएं देता हूं।



 उन्होंने कहा कि यह विश्वविद्यालय महान व्यक्तित्व रूपी रत्नों का उत्पादक रहा है, इस विश्वविद्यालय से मदन मोहन मालवीय, डॉक्टर रज्जू भैया जैसे अनेकानेक विशिष्ट व्यक्तियों का संबंध रहा है। स्वामी विवेकानंद के द्वारा व्यक्ति के व्यक्तित्व में निखार व विकास लाने के कौन-कौन से उपाय बताए गए हैं जैसे मूल मंत्रों से उन्होंने छात्रों को रूबरू करा कर उन्हें उज्ज्वल चरित्र के निर्माण का संदेश दिया। उन्होंने कहा यह विश्वविद्यालय प्रांगण विश्व बंधुत्व जैसी उदात्त भावनाओं की उपजाऊ भूमि रहा है। समाज उन्नयन के हर क्षेत्र में विश्वविद्यालय सदा से अगुवाई करता रहा है और इसकी ऊर्जा को देखते हुए लगता है निरंतर यह इस पथ पर आगे बढ़ता रहेगा ।अंत मे पुनः उन्होंने विश्वविद्यालय के कुलपति को विश्वविद्यालय की खोई हुई प्रतिष्ठा को वापस लाने के सतत व संघर्षशील प्रयासों हेतु शुभकामनाएं दी ।

विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो रतन लाल हांगलू ने विश्वविद्यालय के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जाहिर करते हुए कहा कि जिस दिन से मैं इस विश्व विद्यालय परिवार का हिस्सा हुआ मैंने सबसे पहले यही बात कही कि यह विश्वविद्यालय मेरे लिए जननी- स्वरूपा है। मैं हमेशा इसके प्रति ऐसी ही भावना रखकर कार्य करता हूं। तत्पश्चात उन्होंने सभा में उपस्थित लोगों को विश्वविद्यालय की उपलब्धियों से अवगत कराते हुए साहित्य, तकनीकी,विज्ञान आदि क्षेत्रों में इसकी अग्रणी भूमिका से सबको अवगत करवाया। वही कार्यक्रम के दौरान छात्र परिषद का विरोध कर रहे और छात्र संघ की मांग कर रहे छात्रों ने राज्यपाल कलराज मिश्रा के भाषण के दौरान जमकर नारेबाजी की 4 छात्रों को पुलिस ने तत्काल हिरासत में ले लिया!

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