साक्षी-अजितेश मामले में हाई कोर्ट का बड़ा फरमान

Update: 2019-07-15 11:00 GMT

उत्‍तर प्रदेश के बरेली के भाजपा विधायक राजेश मिश्रा उर्फ पप्पू भरतौल की बेटी साक्षी की याचिका पर सुनवाई करते हुए इलाहाबाद हाई कोर्ट ने यूपी पुलिस को साक्षी मिश्रा (23) और उसके पति अजितेश कुमार (29) की सुरक्षा का आदेश दिया है. यही नहीं, कोर्ट ने साक्षी और अजितेश के वकील विकास राणा को भी सुरक्षा मुहैया कराने का आदेश दिया है. जबकि कोर्ट ने साक्षी के पिता विधायक राजेश मिश्रा को नोटिस जारी करते हुए अपना पक्ष रखने के लिए याचिका को लम्बित रखा है. इस दौरान कोर्ट ने दोनों को शादी रजिस्‍टर्ड कराने का फरमान भी जारी किया है.

साक्षी और अजितेश को दिया ये आदेश

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने याचियों साक्षी और अजितेश को आदेशित किया है कि यूपी मैरिज रजिस्ट्रेशन रुल्स 2017 के तहत दो माह में अपनी शादी रजिस्टर्ड कराएं.

कोर्ट ने कहा,' यदि दोनों मैरिज के लिए हर लिहाज से उपयुक्त हैं तो दो माह में नियमानुसार शादी रजिस्टर्ड होनी चाहिए.'

इसके साथ की कोर्ट ने कहा,'दो माह में शादी रजिस्टर्ड न होने पर कोर्ट का आदेश स्वत: निरस्त समझा जायेगा.

कोर्ट ने देखे प्रमाण पत्र

इससे पहले जस्टिस सिद्धार्थ वर्मा की एकल पीठ ने आज मामले की सुनवाई जब शुरु हुई तो सबसे पहले शादी के सर्टिफिकेट के साथ आयु के लिए साक्षी और अजितेश के शैक्षिक प्रमाण पत्रों को देखा, जिससे संतुष्ट होने के बाद कोर्ट ने कहा कि दोनों बालिग हैं और साथ रह सकते हैं. कोर्ट ने साक्षी और अजितेश की अर्जी पर पुलिस को सुरक्षा मुहैया कराने का आदेश दिया है.

दोनों ने यहां की शादी

गौरतलब है कि बरेली से भाजपा विधायक राजेश मिश्रा की बेटी साक्षी ने घर भागकर अपने प्रेमी अजितेश कुमार से शादी की है. दोनों ने प्रयागराज के धूमनगंज इलाके में बेगम सराय के प्राचीन राम जानकी मंदिर में शादी है, जिसका सर्टिफिकेट शादी के बाद से ही सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा था. हांलाकि मंदिर में शादी होने को लेकर मंदिर के मंहत परशुराम दास ने कहा है कि मंदिर में कोई शादी नहीं होती है और न ही कोई शादी हुई है.

साक्षी और अजितेश ने मांगी थी सुरक्षा

भाजपा विधायक की बेटी साक्षी और उनके पति अजितेश ने 5 जुलाई को इलाहाबाद हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर सुरक्षा की मांग की थी. उन्होंने याचिका में अपने विधायक पिता, भाई और परिवार के अन्य सदस्यों से जान का खतरा बताया था. इसके साथ ही बरेली पुलिस पर भी पिता के दबाव में काम करने का आरोप लगाया था. साक्षी और उनके पति के दो वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे थे, जिसमें उन्होंने अपनी जान का खतरा बताया था. जबकि साक्षी के वकील विकास राणा ने 11 जुलाई को हाई कोर्ट में मामले की सुनवाई के दौरान ये वीडियो भी पेश किया था. वहीं, साक्षी की ओर से दाखिल याचिका में राज्य सरकार, एसएसपी बरेली, एसओ कैंट बरेली और विधायक राजेश मिश्रा को पक्षकार बनाया गया है.

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