जानिए- क्यूं तंबुओं के शहर माघ मेले में नही दर्ज होते मुकदमे और कैसी है तैयारी

यहां पर सामान्य थानों की तरह अफसरों व पुलिसकर्मियों की तैनाती होती है, लेकिन इन थानों में कोई मुकदमा दर्ज नहीं होता?

Update: 2022-01-10 08:32 GMT

शशांक मिश्रा -

प्रयागराज में प्रत्येक वर्ष लगने वाले माघ मेला की शुरूआत हो गई है तैयारियां लगभग लगभग पूर्ण हो गई है ! माघ मेला के साथ ही कल्पवास भी शुरू हो जाता है ! कई किमी दूर से आए कल्पवासियों का जमघट शुरू होता है! कल्पवास की परंपरा आदिकाल से चली आ रही है. ऐसी मान्यता है कि प्रयाग में सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने के साथ शुरू होने वाले एक मास के कल्पवास से एक कल्प का पुण्य मिलता है!माघ मेले के दौरान संगम तट पर कल्पवास का विशेष महत्व है!

माना जाता है कि कल्पवास तभी करना चाहिए जब व्यक्ति संसारी मोह-माया से मुक्त हो गया हो और जिम्मेदारियों को पूरा कर चुका हो. ऐसा इसलिए क्योंकि जब व्यक्ति जिम्मेदारियों में जकड़ा होता है तो उस पर आत्मनियंत्रण थोड़ा कठिन हो जाता है!प्रयागराज में वेणी दान का बड़ा महत्व है. इसमें व्यक्ति अपनी शिखा के बाल छोड़कर समस्त बाल गंगा में अर्पित कर देता है. ऐसी मान्यता हैं की केश के मूल में पाप निवास करता है!तंबुओं का यह शहर सिर्फ डेढ़ माह के लिए बसाया जाता है।

यहां पर सामान्य थानों की तरह अफसरों व पुलिसकर्मियों की तैनाती होती है, लेकिन इन थानों में कोई मुकदमा दर्ज नहीं होता इन थानों में तैनात कर्मचारियों का काम सिर्फ ला एंड आर्डर मेंटेन करना होता है। बहुत जरूरी होने पर आसपास के थानों में रिपोर्ट दर्ज कराई जाती है। अगर मेला क्षेत्र में कोई भी बड़ी आपराधिक घटना की भी रिपोर्ट दर्ज नहीं की जाती है। आपराधिक व्यक्ति की गिरफ्तारी भी मेला क्षेत्र से नहीं दिखाई जाती है। मेला क्षेत्र में होने वाली आपराधिक मामलों की शिकायतें होती हैं उसके बाद मेला अधिकारी निर्णय लेता है कैसे क्या करना होता है।


माघ मेला क्षेत्र में कुल 13 थाने के अंदर 36 चौकियां बनाई गई है। मेले को सकुशल संपन्न कराने के लिए पुलिसकर्मी, नागरिक पुलिस, महिला पुलिस, जल पुलिस, फायर कर्मी, एलआईयू कर्मी और स्पेशल टास्क फोर्स, की तैनाती की गई है। माघ मेले में श्रद्धालुओं को किसी भी तरह से असुविधा न हो इसके लिए पुलिसकर्मियों की व्यवस्था की गई है!

वही पूरे देश मे कोविड संक्रमण के मामलो में इजाफा हो रहा है हालांकि सरकार और मेला प्रशासन ने संत -महात्माओं, कल्पवासियों व दूसरे श्रद्धालुओं को कोरोना के संक्रमण से बचाने के लिए कई नियम बना दिए हैं और एडवाइजरी जारी कर दी है!

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