मुन्ना बजरंगी हत्याकांड: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दिया CBI जांच के आदेश

मुन्‍ना बजरंगी की पूर्व बसपा विधायक लोकेश दीक्षित से रंगदारी मांगने के आरोप में बागपत कोर्ट में पेशी होनी थी. उसे झांसी से बागपत लाया गया था. पेशी से पहले ही जेल के अंदर उसे गोली मार दी गई.

Update: 2020-02-25 10:56 GMT

प्रयागराज. उत्तर प्रदेश की बागपत जेल में 9 जुलाई, 2018 को माफिया डॉन मुन्‍ना बजरंगी हत्याकांड मामले में मंगलवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सीबीआई (CBI) जांच के आदेश दिए है. इस मामले में मुन्ना बजरंगी की पत्नी सीमा सिंह ने याचिका दाखिल की थी. हाईकोर्ट के जस्टिस सुधीर अग्रवाल और जस्टिस राजीव मिश्रा की डिवीजन बेंच ने सीबीआई जांच के आदेश दिया है. इससे पहले मुन्ना बजरंगी की पत्नी ने जेल प्रशासन की मिलीभगत से हत्या कराने का आरोप लगाया था.

बता दें मुन्‍ना बजरंगी की पूर्व बसपा विधायक लोकेश दीक्षित से रंगदारी मांगने के आरोप में बागपत कोर्ट में पेशी होनी थी. उसे झांसी से बागपत लाया गया था. पेशी से पहले ही जेल के अंदर उसे गोली मार दी गई. मामले में 7 लाख का इनामी बदमाश सुपारी किलर रह चुका सुनील राठी को मुन्ना बजरंगी की हत्या में आरोपी बनाया गया है. सुनील राठी उसी जेल में निरुद्ध था. बता दें कि मुन्ना बजरंगी पर 40 हत्याओं, लूट, रंगदारी की घटनाओं में शामिल होने का केस दर्ज थे.

मुन्ना बजरंगी का असली नाम प्रेम प्रकाश सिंह था. उसका जन्म 1967 में उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले के पूरेदयाल गांव में हुआ था. उसके पिता पारसनाथ सिंह उसे पढ़ा लिखाकर बड़ा आदमी बनाने का सपना संजोए थे. मगर प्रेम प्रकाश उर्फ मुन्ना बजरंगी ने उनके अरमानों को कुचल दिया. उसने पांचवीं कक्षा के बाद पढ़ाई छोड़ दी. किशोर अवस्था तक आते-आते उसे कई ऐसे शौक लग गए, जो उसे जुर्म की दुनिया में ले जाने के लिए काफी थे. 

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