प्रयागराज पुलिस ने किया 4 हत्याओं का खुलासा, छमार गिरोह ने दिया था वारदात को अंजाम

Update: 2020-07-19 09:47 GMT

नितिन द्विवेदी 

दिनांक 3 जुलाई 2020 के आधी रात में थाना होलागढ़ क्षेत्र के ग्राम सुकुल का पूरा बरई हरकपूर में डॉक्टर विमलेश पांडे उर्फ ललन पांडे व उनके परिवारजनों सहित चार लोगों की सामूहिक बड़ी ही निर्दयता से हत्या कर दी गई थी| हत्या कर लूटपाट को अंजाम दिया था हत्यारों ने, इस सामूहिक हत्याकांड में विमलेश की पत्नी रचना पांडे बुरी तरह घायल हो गई थी, जिनकी हालत अभी भी नाजुक बनी हुई है,जिन्हें अभियुक्तों ने मृत समझकर छोड़ दिया था, घटना के सफल अनावरण हेतु थाना नवाबगंज,थाना होलागढ़,क्राइम ब्रांच गंगापार व यमुनापार के संयुक्त टीम द्वारा उक्त घटना का खुलासा 16 जुलाई 2020 को किया गया|

जिस खुलासे से बहुत ही चौंकाने वाली बात सामने आई और वह यह रही कि इस घटना को अंजाम देने वाली जो गैंग है उसका नाम 6 मार गैंग है जिसमें 5 सदस्य हैं जिनके नाम सारिक,शाहरुख,डाबर,फरमान व मोबिन है मोबिन सरगना का सरदार है,मोबिन पुत्र अलाउद्दीन निवासी सैदपुर थाना बिसौली जनपद बदायूं का रहने वाला है जोकि 50000 का इनामी भी है तथा बदायूं पुलिस द्वारा मुठभेड़ में 14 जुलाई 2020 को गिरफ्तार किया गया|इसके अलावा मृतक विमलेश पांडे के घर से लूटी हुई मोबाइल से छेड़छाड़ कर साक्ष्य मिटाने के आरोप में सुरेंद्र यादव पुत्र मातादीन यादव निवासी लाल का पुरा थाना होलागढ़ को भी गिरफ्तार कर जेल भेजा गया|

यह सभी अपराधी प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में जाकर कोई उचित स्थान देख कर अपना स्थाई डेरा बनाते थे एवं दिन में गैंग के सदस्यों के साथ भीख मांगने का कार्य करते थे तथा ऐसे मकानों की रेकी करते थे जो कि मुख्य सड़क पर लगे हो व एकांत में हो जिसमें यह घर में घुसकर आसानी से लूटपाट करके भाग सके और इनका मुख्य उद्देश्य सिर्फ पैसे होते हैं यह सभी चंद पैसों के लिए किसी को भी मौत के घाट उतार देते थे उनके अंदर रहम नाम की कोई भी चीज नहीं है |

आपको बता दें इस गैंग का नाम 6 मार गैंग आखिर क्यों पड़ा,जब भी कोई व्यक्ति इनके गैंग का सरगना बनना चाहता है तो उसकी उपलब्धि कम से कम 6 हत्याएं होनी चाहिए अगर वह 6 हत्याएं किया हुआ है तभी इस गैंग को चलाएगा व सरगना बनने का हकदार बनेगा यही इस गैंग का उसूल है|

अभियुक्तों के पास पुलिस ने मौके पर जो सामान प्राप्त किए उनमें हथियार एक चापड़,एक कुढ़ाडी,दो चाकू,मृतक विमलेश पांडे का टूटा हुआ मोबाइल व सिम तथा 89 सो रुपए थे |ज़ब की लगभग ₹25000 रुपए की लूट की थी मृतक के घर से|सूत्रों की माने तो वारदात वाले दिन विमलेश के घर के बाहर शाहरुख को इन लोगों ने खड़ा किया था जिससे कि यह पता चल सके कि अगर कोई आता है तो शाहरुख उन्हें सूचित कर देगा और वह तुरंत वहां से भाग जाएंगे|

वारदात के बाद यह गिरोह पटेल नगर व काशीपुर में थे उसके बाद प्रतापगढ़ जनपद की ओर भाग गए | प्रतापगढ़ पहुंचने के बाद भी इनकी भागने की तैयारी थी जहां वह किसी से रुपए लेने के लिए इंतजार में थे और इस आस में थे कि वह आएगा और उन्हें रुपए देगा मगर रुपए मिलने से पहले ही पुलिस को भनक लग गई और समस्त संयुक्त टीमों ने इन्हें दबिश देकर रंगे हाथों पकड़ लिया| जहां पर पुलिस द्वारा कड़ाई से पूछने पर उन्होंने अपना जुर्म कबूल कर लिया और सारी बातें पुलिस के सामने खुली किताब की तरह रख दिया| पैसे ना होने के कारण यह दूसरी घटना को अंजाम देने की योजना भी बना रहे थे मगर उससे पहले ही पुलिस के हत्थे चढ़ गए|

वही तत्कालीन वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रयागराज अभिषेक दीक्षित का कहना है कि इस हत्या के खुलासे में काफी मशक्कत का सामना भी करना पड़ा है क्योंकि इस गिरोह ने बड़ी ही सफाई से इस घटना को अंजाम दिया था जिससे पुलिस को खुलासे में इतना वक्त लगा| क्योंकि यह हत्यारे किसी भी एक स्थान पर कभी नहीं रुकते थे हमेशा घूमते रहते थे कभी भी इन हत्यारों ने किसी भी स्वयं के निजी वाहन व फ़ोन का इस्तेमाल नहीं किया,यह हमेशा लिफ्ट मांग कर चलते थे|

वहीं अभिषेक दीक्षित ने इस खुलासे का श्रेय अपने श्रेष्ठ अधिकारियों को भी दिया जो कि रात रात भर जग कर के इस घटना के सफल अनावरण के लिए समस्त टीमों को लगातार दिशा निर्देश देते रहे एवं उनसे लगातार इस केस के विषय में जानकारी लेकर उनके हौसला अफजाई भी करते रहे यही नहीं जिन पुलिसवालों ने इन्हें गिरफ्तार किया है उन सभी पुलिस वालों को व टीम के सदस्यों को श्री अभिषेक दिक्षित ने प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित भी किया एवं उनका हौसला अफजाई भी किया |

जिले में हो रही आपराधिक गतिविधियों की देखरेख के लिए एसएसपी अभिषेक दीक्षित ने एक बंजारा नाम के ऑपरेशन को चालू किया है, जिस ऑपरेशन के अंतर्गत बाहर से आए हुए जो भीख मांगने वाले लोग हैं जो बंजारे हैं उनका सत्यापन किया जाएगा जिसमें यह पता किया जाएगा कि यह कहां से आए हैं और कितने दिन से हैं यहां पर,कहां के रहने वाले हैं और क्या करते हैं,इससे पूर्व में इनका कोई आपराधिक इतिहास है कि नहीं,क्योंकि यह बाहर से आए हुए लोग यहां पर रहकर रेकी करते हैं और अपराधिक घटनाओं को अंजाम देकर अन्य जिले या अन्य प्रदेशों में चले जाते हैं जिससे कि काफी खुलासे रह जाते हैं और गरीब होने के कारण इन पर कोई ध्यान भी नहीं देता है जबकि ऐसे ही लोग ऐसी निर्मम हत्याओं को चंद रुपयों के लिए बड़ी ही निर्दयिता से अंजाम देते हैं|

वहीं एसएसपी महोदय का यह भी कहना है कि अब अपराधियों की खैर नहीं है अपराधी बच के जा नहीं सकेंगे वह जहां भी जैसे भी अपराध करेंगे उस अपराध का उनको दंड अवश्य मिलेगा और अपराधियों को शरण देने वालो के खिलाफ भी कठोर कार्रवाई की जाएगी| वहीं एसएसपी महोदय ने जनता से एक अपील भी की है जिसमें उन्होंने यह कहा है कि ऐसे लोगों की जानकारी हो सके तो वह पुलिस के साथ साझा करें पुलिस उनकी मित्र है|

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