एडीजी प्रेमप्रकाश जब सिविल लाइन जाकर बोले मेरा मोबाइल चोरी हो गया, तो कैसे झाड़ने लगे रौब थाने के मुंशी और दीवान फिर पता चली असलियत तो!

एडीजी प्रेम प्रकाश सोशल पुलिसिंग के माहिर खिलाड़ी है. कभी देर रात तक जागना उनका शगल है जबकि किस जगह अचानक जा धमके ये उनकी आज की नहीं जब वो एसएसपी होते थे तब भी यही काम करते थे.

Update: 2020-01-22 06:26 GMT

नितिन द्विवेदी 

प्रयागराज l  गुमनाम फरियादी बन कर थाने पर FIR दर्ज कराने एडीजी ज़ोन प्रयागराज थाना में पहुंच गए. रात्रिकालीन ड्यूटी पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने उन पर रौब झाड़ना शुरू कर दिया. एडीजी एक राहगीर को लेकर सिविल लाइन थाने पहुंच गए थे. 

देर रात मोबाइल चोरी की रिपोर्ट दर्ज कराने एडीजी थाना सिविल लाइन पहुंचे थे. गुमनाम फरियादी पर रौब झाड़ना पुलिसकर्मियों को उल्टा पड़ गया. गुमनाम फरियादी की जब हकीकत सामने आई तो उनके होश उड़ गए थे. 

चौंकाने वाली बात यह रही कि दरोगा, मुंशी और अन्य पुलिसकर्मी अपने विभाग के अफसरों को ही नहीं पहचान सके. ऐसे में इन्होंने आम फरियादी की तरह ही उनसे भी पुलिसिया अंदाज में व्यवहार किया. हकीकत पता चलते ही वर्दी का खुमार उतर गया, मांफी मांगने लगे. जिसके बाद एडीजी ने रौब झाड़ने वाले पुलिसकर्मी को जमकर फटकार लगाई. 

यह मामला सिविल लाइन थाने का था. पुलिस की सक्रियता जानने के लिए एडीजी जोन अचानक थाने जा धमके. फिलहाल पुलिस कर्मियों को चेतावनी देकर छोड़ दिया गया. 

एडीजी प्रेम प्रकाश ने आते ही पुलिसिंग व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त करने के प्रयास शुरू कर दिए हैं.इसके तहत ही वह लगातार थानों व पुलिस कार्यालय के निरीक्षण कर रहे हैं. एडीजी के थाने पहुंचने की सूचना पर एसएसपी सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज व डीएम भानु चंद्र गोस्वामी भी पहुंच गए. 

एडीजी प्रेम प्रकाश सोशल पुलिसिंग के माहिर खिलाड़ी है. कभी देर रात तक जागना उनका शगल है जबकि किस जगह अचानक जा धमके ये उनकी आज की नहीं जब वो एसएसपी होते थे तब भी यही काम करते थे. बरेली , कानपुर जैसे जगह एडीजी रहने के वावजूद एक अच्छे अधिकारी के रूप में जाने जाने वाले आईपीएस अधिकारी है प्रेम प्रकाश.  

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