स्वतः संज्ञान लेने वाला हाईकोर्ट आईपीएस प्रभाकर चौधरी से अभद्रता पर खामोश क्यों?

Update: 2018-11-01 04:55 GMT

सीतापुर- सीतापुर में वकील ने उत्पात मचाते हुए बेहूदगी की पराकाष्ठा पार कर दी. एक छोटे से केस को लेकर पनपे विवाद ने इतना बड़ा रूप अख्तियार कर लिया जब वकीलों ने जज के चेंबर में बैठे आईपीएस अधिकारी और एसपी सीतापुर कमांडो प्रभाकर चौधरी पर हमला और उनके पीआरओ को बूरी तरह पीटा. इस घटना दो वकीलों को हिरासत में लिया जा चूका है. 

वकीलों से शालीनता से बात कर रहे एसपी और उनके पीआरओ से बत्तमीजी करके कुछ वकीलों ने न्यायपालिका को कलंकित किया है. इसी तरह के एक मामले में प्रोफेसर सर से विवाद होने पर हाईकोर्ट ने संज्ञान लेते हुए डीजीपी समेत सबको फटकार लगाई थी और एसएसपी लखनऊ को तत्काल हटाने को कहा. लेकिन सीतापुर मामले में अब तक छाई शांति किस और इशारा करती है. 

हालांकि पुलिस ने 6 नामजद और 6 अज्ञात वकीलों के खिलाफ केस किया दर्ज है. पुलिस ने यह मामला डकैती,लूट और सरकारी कार्य मे बाधा डालने की धाराओं में केस दर्ज किया है. एसपी ने सभी नामजद वकीलों पर 25-25 हजार का इनाम किया घोषित है. सभी उत्पाती वकीलों पर रासुका भी लगाई जा सकती है. 

ईमानदार कमांडो आईपीएस से बदतमीजी वकीलों पर भारी पड़ना तय माना जा रहा है. यह मामला अवैध कब्जा हटाने पर हुए विवाद को लेकर हुआ है. सीतापुर के वकीलों ने वकालती एथिक्स का सत्यानाश कर डाला. कुछ वकीलों ने यह कुकृत्य करके अपनी और अपने पेशे की भद्द पिटवा ली है. 


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सीतापुर पुलिस इन उदण्डों वकीलों को खोजने में लगी है. उत्तर प्रदेश के पुरोधा बार एसोसिएशन ने अबतक इस कुकृत्य की निंदा नहीं की है. और न ही प्रोफेसरों से अभद्रता पर स्वयं से संज्ञान लेने वाले हाईकोर्ट के प्रखर न्यायमूर्ति ने भी अब तक कुछ बोला है.  

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