UP Election 2022: एक ही सीट से सपा के 2 प्रत्याशियों ने कराया नामांकन, अब क्या करेंगे अखिलेश?
केसरगंज सीट (Kaiserganj Assembly Seat) पर एक अजीबो-गरीब मामला सामने आया है. यहां विधानसभा (Uttar Pradesh Assembly Election 2022) की 1 सीट के लिए समाजवादी पार्टी (Samajwadai Party) की ओर से दो प्रत्याशियों ने पर्चा दाखिल कर दिया. लोगों के मन में सवाल उठने लगे हैं कि अब आगे क्या होगा?;
लखनऊः यूपी चुनाव (UP Election 2022) में पहले चरण के लिए आज शाम 6 बजे से चुनावी प्रचार (Election Campaign) थम जाएगा. पहले चरण में 10 फरवरी को पश्चिमी यूपी (Western UP) के 11 जिलों की 58 सीटों पर मतदान (First Phase Polling) किया जाएगा. पहले चरण की जनता को लुभाने के लिए सारे दल आज अपना अंतिम प्रयास करेंगे. इससे पहले बहराइच जिले की केसरगंज सीट (Kaiserganj Assembly Seat) पर एक अजीबो-गरीब मामला सामने आया है. यहां विधानसभा (Uttar Pradesh Assembly Election 2022) की 1 सीट के लिए समाजवादी पार्टी (Samajwadai Party) की ओर से दो प्रत्याशियों ने पर्चा दाखिल कर दिया. लोगों के मन में सवाल उठने लगे हैं कि अब आगे क्या होगा?
अखिलेश के सामने बड़ी चुनौती
कैसरगंज सीट पर सपा के दो प्रत्याशियों ने पर्चा भरा है. दोनों ही प्रत्याशी समाजवादी पार्टी से बाकायदा A B फार्म लाकर नामांकन किया है. दोनों खुद को सपा समर्थित प्रत्याशी बता रहे हैं. अब अखिलेश के सामने चुनौती है कि वो किसको हरी झंडी देंगे और किस नेता से अपना हाथ खींच लेंगे. बता दें कि बहराइच में 5वें चरण में मतदान होना है, जिसको लेकर जिले में नामांकन प्रक्रिया चल रही है. कैसरगंज विधानसभा सीट से 2 सपा प्रत्याशियों ने नामांकन कराया है.
कैसे दो प्रत्याशियों को मिला टिकट?
समाजवादी पार्टी ने पहले मसूद आलम को यहां से प्रत्याशी बनाया गया था. मसूद आलम पर गैर जनपद निवासी होने को लेकर उनका विरोध शुरू हो गया था. विरोध को देखते हुए सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने कैसरगंज विधानसभा सीट पर बिना आधिकारिक बयान के आनंद यादव को A B फार्म दे दिया.
कैसरगंज सीट के मुद्दे?
यह क्षेत्र मुख्य रूप से बहराइच लखनऊ राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित है कैसरगंज के दक्षिण में 90 किलोमीटर की दूरी पर यूपी की राजधानी लखनऊ तो उत्तर में 36 किलोमीटर दूर बहराइच जिले के हेडक्वार्टर स्थित है. घाघरा नदी के किनारे बसा कैसरगंज विधान सभा क्षेत्र का बड़ा भूभाग हर वर्ष घाघरा में आने वाली बाढ़ से बेहद प्रभावित रहता है. कृषि आधारित इस क्षेत्र में औद्योगिक तौर पर किसानों के गन्ने की पेराई के लिए दो प्राइवेट शुगर मिल संचालित हैं. वहीं इस क्षेत्र में उच्च शिक्षा के लिए किसी भी राजकीय डिग्री कालेज के न होने के चलते छात्रों को प्राइवेट डिग्री कालेजों पर निर्भर रहना पड़ता है. यहां से वर्तमान में योगी सरकार के कैबिनेट मंत्री मुकुट बिहारी वर्मा विधायक हैं.
इस सीट का इतिहास
1991 में जब राम मंदिर की लहर चल रही थी तो उस दौरान कैसरगंज विधानसभा सीट (Kaiserganj Assembly Seat) में बीजेपी प्रत्याशी रूद्रेंद्र विक्रम सिंह ने जीत दर्ज की. 1993 में इस सीट पर सपा के रामतेज यादव ने जीत दर्ज की. 1996 में समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी रामतेज यादव जीत दर्ज करके दूसरी बार विधायक बने. 2002 में इस सीट पर बीजेपी ने 10 सालों के बाद दूसरी बात जीत दर्ज की. बीजेपी प्रत्याशी मुकुट बिहारी वर्मा ने 3,714 मतों से बसपा के गुलाम मोहम्मद को हराया. 2007 में बसपा के गुलाम मोहम्मद खान ने जीत दर्ज करके इस सीट पर बसपा का खाता खोला. 2012 और 2017 मे बीजेपी के मुकुट बिहारी जीतकर विधानसभा पहुंचे थे.
इस सीट के जातीय समीकरण
कैसरगंज विधानसभा सीट मुस्लिम मतदाताओं की संख्या काफी ज्यादा है. वहीं दलित और पिछड़े वर्ग के मतदाताओं की संख्या की समाजवादी पार्टी और बसपा को मजबूती प्रदान करती है.
- कुल मतदाता – 3,23,269
- पुरुष मतदाता – 1,79,933
- महिला मतदाता – 1,43,336