तो यह राहत नहीं कर्ज है, जानिए कैसे?

Update: 2020-05-13 14:47 GMT

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा मंगलवार को बड़े आर्थिक पॅकेज के एलान करने के बाद देश के सभी अर्थशास्त्र जानने वाले खुलकर सरकार की आलोचना करने के लिए सामने आ गये है. कोई इस पॅकेज को निरर्थक बता रहा है तो कोई इस पॅकेज को बता रहा है कि यह राहत नहीं कर्ज है?

जानिए कैसे 

यह आपके नुकसान को फंडिंग कर रहा है राहत नहीं दे रहा है ।

आप जिन्दा रहने के लिए कर्ज ले सकते हैं ।

आप जिन्दा रहने के लिए करों का भुगतान टाल सकते हैं।

आप भविष्य निधि खाते में 2 % तक कम बचाकर जिन्दा रह सकते हैं ।

आप जिन्दा रहने के लिए बैंक कर्ज की किस्त चुकाना टाल सकते हैं ।

आपको अपने बकाया का भुगतान मिलेगा, जो बकाया था ही।

आपको टैक्स रीफंड मिलेगा, जो मिलना ही था।

बैंक का कर्ज आप पर हैं ।

आपकी देनदारियां वही हैं।

ब्याज दरें नहीं बदलती हैं ।

टैक्स की दरें कम नहीं हुई हैं ।

जीएसटी की दरें वही हैं ।

बिल्कुल वही जो मैंने कहा था ।

इसलिए, यह आपको राहत देने की बजाय आपको कर्ज देना है। और कुछ नहीं। और यही 20 लाख करोड़ के पैकेज का योग है।


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