उत्तर कोरिया ने प्रतिबंधों की चेतावनी के बावजूद रॉकेट प्रक्षेपण कर फिर भड़काया रोष

Update: 2016-02-07 08:32 GMT



सोल : उत्तर कोरिया ने आज अंतरराष्ट्रीय चेतावनियों को दरकिनार करते हुए लंबी दूरी के रॉकेट का प्रक्षेपण किया और इसे संयुक्त राष्ट्र समेत विभिन्न देशों ने रॉकेट परीक्षण की आड़ में किया गया मिसाइल परीक्षण करार दिया है, जो कि अमरीका तक वार करने की क्षमता रखता है । उत्तर कोरिया ने संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों का उल्लंघन करते हुए और प्योंगयांग के पिछले माह के परमाणु परीक्षण पर उसे दंडित करने के लिए संघर्ष कर रहे अंतरराष्ट्रीय समुदाय की और अधिक नाराजगी का जोखिम उठाते हुए इस लंबी दूरी के रॉकेट का प्रक्षेपण किया ।

प्योंगयांग ने कहा है कि उसका अंतरिक्ष कार्यक्रम पूरी तरह वैज्ञानिक है लेकिन अधिकतर विश्व इसके रॉकेट प्रक्षेपणों को गुप्त तौर पर किए जा रहे बैलिस्टिक मिसाइल परीक्षण मानता है, जिनका उद्देश्य अमरीका पर हमला कर सकने वाली हथियार आपूर्ति व्यवस्था को विकसित करना है। उपग्रह ले जा रहे रॉकेट के सफलतापूर्वक कक्षा में प्रवेश करने की तत्काल पुष्टि नहीं की गई है।

दक्षिण कोरिया के अधिकारियों ने इस प्रक्षेपण की पुष्टि आज सुबह आठ दिवसीय प्रक्षेपण अवधि की शुरूआत के दो घंटे बाद की । इससे पहले पिछले माह उत्तर कोरिया न हाइड्रोजन बम के परीक्षण का दावा किया था ।

दक्षिण कोरियाई रक्षा मंत्रालय के अनुसार, उपग्रह धारक रॉकेट ने प्योंगयांग समय सुबह 9 बजे के आसपास (0030 GMT) पर उड़ान भरी।अमरीका के एक रक्षा अधिकारी ने कहा कि यह प्रक्षेपण वाहन ‘‘अंतरिक्ष में पहुंच चुका प्रतीत होता है ।’’ उत्तर कोरिया के सरकारी टीवी ने कहा कि वह अंतरराष्ट्रीय समयानुसार साढ़े नौ बजे एक विशेष घोषणा करेगा।

उत्तर कोरिया के इस प्रक्षेपण की तीव्र निंदा की गई है । अमरीका ने इस प्रक्षेपण को ‘‘अस्थिरताकारक’’ और भड़काउ बताया है, वहीं जापानी प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने इसे ‘‘पूरी तरह असहनीय’’ बताया है। मौजूदा परीक्षण को वाशिंगटन और उसके सहयोगी देश एक अन्य उकसावे के रूप में लेंगे और इसके चलते संयुक्त राष्ट्र की आेर से उत्तर कोरिया पर अतिरिक्त प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं ।

जानकारी के अनुसार, संयुक्त राष्ट्र से जुड़े राजनयिकों ने कहा है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद उत्तर कोरिया द्वारा किए गए लंबी दूरी के रॉकेट के प्रक्षेपण के मुद्दे पर आज न्यू यॉर्क में आपात बैठक करेगी । बंद कमरे में होने वाली इन वार्ताओं के लिए अनुरोध दक्षिण कोरिया और परिषद के सदस्यों जापान एवं अमरीका की आेर से किया गया है । जापान और अमरीका ने इस प्रक्षेपण को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों का उल्लंघन करार दिया है।

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