जानलेवा हमले के बाद सिख नेता को छोड़ना पड़ा पाकिस्तान, पुलिस ने नहीं की कोई मदद

राधेश सिंह टोनी उर्फ टोनी भाई पाकिस्तान के जाने माने सिख नेता हैं. खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के पेशावर में टोनी वहां अल्पसंख्यक समुदाय की आवाज माने जाते थे.

Update: 2020-01-23 09:44 GMT

जो पाकिस्तान भारत के नागरिकता संशोधन कानून को संविधान विरोधी बताता रहा है. उसके यहां अल्पसंख्यकों की कितनी सुरक्षा है इसका एक और उदाहरण सामने आया है. पाकिस्तान में एक सिख नेता को अपनी जान बचाने के लिए देश से भागना पड़ा है.

दरअसल पेशावर के रहने वाले सिख नेता राधेश सिंह टोनी ने बुधवार को अपने ट्विटर हैंडल से एक वीडियो शेयर किया जिसमें उन्होंने दूसरे देशों में रहने वाले सिख समुदाय के लोगों से मदद मांगी. टोनी ने बताया कि उनको और उनके परिवार को पाकिस्तान में जान का खतरा है और उन्हें किसी सुरक्षित जगह जानें में मदद की जाए. हालांकि इसके बाद टोनी ने अपना ट्विटर अकाउंट भी डीएक्टिवेट कर दिया.

"भारत UN में उठाए यह मुद्दा"

शिरोमणी अकाली दल (SAD) के नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने एक वीडियो मैसेज जारी कर कहा, "राधेश सिंह टोनी ने पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो रहे अत्याचारों का खुलासा किया है." उन्होंने कहा, "टोनी जो कि 2018 में पेशावर के अपने मूल इलाके से चुनाव में खड़े हुए थे. जिसके बाद उन्हें धमकियां मिलनी शुरू हो गईं थीं. इस वजह से उन्हें देश छोड़ना पड़ा."

सिरसा ने विदेश मंत्री एस. जयशंकर से अपील की कि इस मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र (UN) में उठाना चाहिए और यह मैसेज दिया जाए कि हिंदुस्तान हमेशा ही पाकिस्तान में रह रहे अल्पसंख्यकों के साथ खड़ा है.

लाहौर पुलिस से भी मांगी थी सुरक्षा

वहीं बीबीसी ने लापता राधेश सिंह टोनी से बात की है. टोनी ने कहा, "अगर बात केवल उनकी जान की होती तो वे पाकिस्तान कभी नहीं छोड़ते. लेकिन अब यह मेरे परिवार और मुझसे जुड़े लोगों की जिंदगी का सवाल है. इसलिए मुझे अपनी मातृभूमि को छोड़ना पड़ा." उन्होंने बताया कि मैंने 10 जनवरी को लाहौर पुलिस से भी अपनी सुरक्षा की गुहार लगाई थी लेकिन कोई मदद नहीं मिली. वहीं राधेस सिंह ने अपने निवास का पता नहीं बताया है.

कौन हैं राधेश सिंह टोनी ?

राधेश सिंह टोनी उर्फ टोनी भाई पाकिस्तान के जाने माने सिख नेता हैं. खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के पेशावर में राधेश सिंह टोनी वहां अल्पसंख्यक समुदाय की आवाज माने जाते थे. उन्होंने साल 2018 में पेशावर के अपने मूल इलाके से आम चुनाव लड़ा था. वे निर्दलिय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़े थे.

चुनाव लड़ने के बाद से ही उनको धमकियां मिलनी शुरू हो गईं थीं. इसके बाद वो पेशावर छोड़ कर लाहौर चले गए. यहां पिछले हफ्ते कुछ अज्ञात हमलावरों ने उन पर हमला किया था. जिसके बाद से ही टोनी गायब हैं. उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट भी बंद कर दिए हैं. राधेश सिंह फिलहाल एक अज्ञात जगह पर रह रहे हैं.

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