पर्यटक वीजा पर पाकिस्तान से आए 50 हिंदू परिवारों ने मांगी नागरिकता

Update: 2020-02-04 04:17 GMT

नागरिकता संशोधन कानून (CAA) पर जारी बहस के बीच पाकिस्तान (Pakistan) से 50 हिंदू परिवार (Hindu Families) पंजाब के अमृतसर में स्थित वाघा-अटारी सीमा के जरिए भारत में प्रवेश किया। यो लोग पर्यटक वीजा (Tourist Visa) पर भारत (India) पहुंचे हैं। इन लोगों का कहना है कि वे अब भारत में ही रहना चाहते हैं। ये सभी लोग पाकिस्तान के सिंध प्रांत से आए हैं। इन लोगों ने अमृतसर में स्थानीय प्रशासन के जरिए विदेश मंत्रालय को अपनी मांगें भेजी है। इन लोगों का कहना है कि वीजा अवधि खत्म होने के बावजूद वे पाकिस्तान वापस नहीं लौटेंगे। ये सभी लोग 25 दिनों की वीजा पर भारत आए हैं। इन हिंदू परिवारों ने हरिद्वार जाने की इच्छा जताई है। इन लोगों ने प्रधानमंत्री मोदी से अन्य हिंदू परिवारों के साथ भारत में रहने की देने की अपील की है।



इसी जत्थे में आए लक्ष्मण दास ने कहा है, 'हरिद्वार में गंगा स्नान करने के बाद मैं अपने भविष्य के बारे में सोचूंगा। हालांकि, मैं भारत में ही रहना चाहता हूं।' इन लोगों के साथ बहुत सारा सामाना है, जिसे देखकर ये अनुमान लगाया जा रहा है कि ये लोग शायद ही अब वापस पाकिस्तान लौटें। पाकिस्तान से आए लक्ष्मण ने मीडिया से बात करते हुए कहा, 'हरिद्वार में पवित्र डुबकी लगाने के बाद मैं अपने भविष्य के बारे में विचार करूंगा। हालांकि, मैं भारत में रहना चाहता हूं।'

आपको बता दें कि वीजा का समय समाप्त होने के बाद किसी भी देश में रुकना गैर कानूनी है। आपको बता दें कि इससे पहले 31 जनवरी को 200 हिंदू परिवारों का जत्था पाकिस्तान से भारत आ गया था। नियमों के मुताबिक, वीजा की तय सीमा खत्म होने के बाद इन्हें पाकिस्तान लौट जाना होगा। गौरतलब है कि सीएए के तहत उन लोगों को नागरिकता दी जानी है, जो 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत आए हैं।

विदेश मंत्रालय के अधिकारियों ने इस जत्थे की मांग पत्र को लेकर कोई टिप्पणी करने से इंकार किया है। इससे पहले 31 जनवरी को पाकिस्तान के 200 हिंदू परिवार टूरिस्ट वीजा लेकर भारत आ गए थे। इन लोगों ने भी भारत में ही रह जाने की इच्छा जताते हुए विदेश मंत्रालय को मांग पत्र भेजा है। यह लोग भारत में बसने के लिए आए हैं। इन लोगों ने वीजा अवधि खत्म होने के बाद शरण मांगने की कागजी कार्रवाई की बात कही है।

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