Twitter यू-टर्न, संसदीय समिति से मिलने के लिए तैयार हुए ट्विटर के सीईओ

अनुराग ठाकुर की अध्यक्षता वाली संसदीय समिति ने ट्विटर सीईओ और कुछ सीनियर अधिकारियों को समन भेजा था

Update: 2019-02-10 07:27 GMT
Twitter CEO Jack Dorsey/File Photo
नई दिल्ली : अनुराग ठाकुर की अध्यक्षता वाली संसदीय समिति ने ट्विटर सीईओ और कुछ सीनियर अधिकारियों को समन भेजा था। शनिवार को भारत आने से इनकार के बाद सीईओ ने अब यू-टर्न ले लिया है। अब ट्विटर की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि सीईओ जैक डार्सी भारत की संसदीय समिति से मिलने के लिए तैयार हैं। दोनों पक्षों की सहमति के साथ किसी तारीख को मिलने के लिए लिए तय की जाए। ट्विटर ने कहा कि डार्सी परिचर्चा से इनकार नहीं कर रहे हैं। 

ट्विटर सीईओ का यह जवाब ऐसे वक्त में आया है जब संसदीय समिति ने सीईओ को 10 दिन का समय दिया था। फेक न्यूज, राजनीतिक पक्षधरता और गोपनीयता के मुद्दों पर चर्चा के लिए संसदीय समिति ने ट्विटर के टॉप अधिकारियों को मिलने के लिए बुलाया था। मीटिंग की यह डेट 7 फरवरी से बदलकर 11 फरवरी भी कर दी गई थी।

आपको बता दें कि कुछ दिन पहले दक्षिणपंथी संगठन यूथ फॉर सोशल मीडिया डिमॉक्रेसी के सदस्यों ने ट्विटर के कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन करते हुए आरोप लगाया था कि ट्विटर ने 'दक्षिणपंथ विरोधी रुख' अख्तियार किया है और उनके ट्विटर खातों को बंद कर दिया है। हालांकि, ट्विटर ने इन आरोपों से इनकार किया है। ट्विटर का कहना है कि वह विचारधारा के आधार पर भेदभाव नहीं करता। यूथ फॉर सोशल मीडिया डिमॉक्रेसी के कुछ लोगों ने इस बारे में अनुराग ठाकुर को भी पत्र लिखा था।

ट्विटर के सीईओ और शीर्ष अधिकारियों द्वारा पेश होने से इनकार किए जाने पर संसदीय समिति के अध्यक्ष अनुराग ठाकुर ने कड़ी प्रतिक्रिया दी थी। ठाकुर ने कहा, 'हमने ट्विटर के जवाब को गंभीरता से लिया है। हम सोमवार (11 फरवरी) को इस बारे में चर्चा करेंगे और आगे की कार्रवाई करेंगे।' बीजेपी प्रवक्ता मीनाक्षी लेखी ने भी इस पर तल्खी जाहिर की। उन्होंने कहा, 'ट्विटर के सीईओ और वरिष्ठ अधिकारी अगर पेश होने से इनकार करते हैं तो उन्हें इसके परिणामों को भी भुगतने के लिए तैयार रहना पड़ेगा।'

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