आबू धाबी: सौर ऊर्जा से संचालित 'सोलर इंपल्स-2' ने 40,000 किलोमीटर की दूरी तय करने के बाद दुनिया का पहला चक्कर पूरा कर मंगलवार को आबू धाबी में लैंडिंग की। बिना ईंधन के पूरी दुनिया का चक्कर लगाने वाले सौर विमान इंपल्स-2 ने इतिहास रच दिया है। इतिहास रचने वाले इस विमान ने अपनी पहली यात्रा करीब एक साल पहले शुरु की थी।
सोलर इंपल्स-2 ने मार्च 2015 में उड़ान भरी थी। दुनिया का पहला चक्कर पूरा कर आबू धाबी पहुंचा। पूरी दुनिया में अलग अलग पड़ावों पर रुक कर सौर विमान इंपल्स-2 ने दुनिया को प्राकृतिक संसाधन का महत्व समझा दिया है। बिना एक बूंद ईंधन खर्च किए सोलर इंपल्स 2 समूची दुनिया में 16 पड़ावों पर रुका, जिसका मकसद यह दिखाना था कि इस तरह की प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल कर दुनिया की ईंधन खपत को आधा किया जा सकता है और प्राकृतिक संसाधानों को बचाने के साथ जीवन स्तर में सुधार किया जा सकता है।
सोलर इंपल्स 2 के अध्यक्ष और पायलट बट्र्रांड पिकार्ड ने आबू धाबी में विमान के उतरने से पहले एक बयान में कहा, लोगों, प्राधिकरणों और सरकारों को इस समाधान का इस्तेमाल जमीनी स्तर पर शुरू करने के लिए प्रोत्साहित करने के मकसद से अब हमारा यह अभियान जारी रहने वाला है।
अपने इस ऐतिहासिक सफर के दौरान सौर विमान इंपल्स 2 का पड़ाव ओमान, भारत, म्यांमार, चीन, जापान, अमेरिका, स्पेन, इटली, मिस्र और संयुक्त अरब अमीरात में रहा। उत्तर अमेरिका के इसके पड़ाव में कैलिफोर्निया, एरिजोना, ओकलाहोमा, ओहायो, पेनसिलवेनिया और न्यूयार्क शामिल हैं।