अमेरिका ने NSG में भारत की एंट्री के लिए सभी देशों से की अपील

Update: 2016-06-17 08:15 GMT
वाशिंगटन: अमेरिका ने NSG में भारत की एंट्री के लिए सभी देशों से भारत की सदस्यता के लिए समर्थन करने का अनुरोध किया है। पीएम नरेंद्र मोदी देश को एनएसजी की सदस्यता दिलाने के लिए जितनी जोर-आजमाइश से लगे हैं, भारत के समर्थन में अमेरिका की कोशिशें भी उतनी तेजी से जोर पकड़ती जा रही हैं। लगातार समूह के 48 देशों पर भारत के पक्ष में दबाव बना रहे अमेरिका ने फिर एनएसजी देशों को भारत का समर्थन करने को कहा है।

चीन और पाकिस्तान की लाख कोशि‍शों के बावजूद
भारत एनएसजी सदस्यता
की दिशा में आगे बढ़ रहा है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने अपने दैनिक संवाददाता सम्मेलन में कहा, अमेरिका ने परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) के सहयोगी देशों से यह अपील की है कि जब भी एनएसजी की समग्र चर्चा हो तब इसके सहयोगी देश भारत के आवेदन का समर्थन करें जो संभवत: अगले हफ्ते हो सकती है।

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एक प्रश्न के जवाब में जॉन किर्बी ने कहा, फिलहाल मैं यह नहीं बता सकता कि यह कैसे होगा और ना ही मैं कोई अटकल लगा सकता हूं कि किस तरह से इसे किया जाएगा, लेकिन हमने यह साफ किया है कि हम भारत के आवेदन का समर्थन करेंगे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पिछले सप्ताह अमेरिका यात्रा के दौरान अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने 48 सदस्यीय समूह के लिए भारत के आवेदन का स्वागत किया था। अमेरिका एनएसजी में भारत की सदस्यता का समर्थन कर रहा है। अमेरिका के राजनयिक दवाब में न्यूजीलैंड भारत को समर्थन के लिए राजी हो गया है।

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उधर नामीबिया भी भारत को सशर्त समर्थन करने के लिए तैयार हो गया है। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी नामीबिया की यात्रा पर हैं, इस मौके पर वहां राष्ट्रपति हेज गेनगोब ने कहा कि नामीबिया के पास खुद के परमाणु हथियार तो है नहीं, लेकिन उसके पास भरपूर परमाणु ईंधन है। नामीबिया चाहता है कि भारत परमाणु ईधन का गलत इस्तेमाल न करे तो वह सहयोग करने के लिए तैयार है।

बता दें पाकिस्तान, चीन, तुर्की, ऑस्ट्रिया और दक्षिण अफ्रीका को छोड़ दें तो लगभग सभी देश भारत की एनएसजी में सदस्यता को लेकर एकमत दिख रहे हैं।

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