शहीद सैनिक के शव को जिले के आलाअधिकारीयों का इंतजार, साहब एसा क्यों?
जनप्रतिनिधियों ने भी नहीं ली सुध
सेना के जवान की असामयिक मौत पर गंभीर नही है प्रशासन। तीन दिन पहले करंट से हुई मौत के बाद शहीद के गांव कोई भी अधिकारी नही पहुंचा। रात में जवान के पैतृक घर शव पहुंचा। गांव में पसरा मातम।
जवान का शव जनप्रतिनिधि और अधिकारी की गैर मोजूदगी में रखा हुआ है। जिले की कार्यशैली पर खड़े हो रहे कई प्रकार के सवाल। मामला पिपरी के चलौली गांव का है। शहीद हुए सैनिक की चचेरी बहन की आज ही शादी है।
शहीद हुए फौजी भाई की अर्थी के बाद उठेगी बहन की डोली। एक तरफ तिरंगे में लिपटा पड़ा है, शाहिद जवान का शव तो उस पर लिपटी पड़ी है बेतहाशा और शून्य की निहारती हुई उसकी पत्नी सीमा। अधिकारियों के इंतजार में रखा हुआ है शव। साहब ऐसा क्यों?
आपको बता दें कि दो साल पहले शहीद की शादी हुई थी, शादी के दिन है सैनिक शहीद हुए। किन्तु प्रदेश सरकार के अधिकारीयों और जनप्रतिनिधियों के इस तरह के व्यवहार से आम जनता में रोष व्याप्त है।
रिपोर्ट नितिन अग्रहरी