जेल नियमों के हिसाब से तिहाड़ में कुछ ऐसे बीती चिदंबरम की पहली रात

सामान्य कैदियों की तरह पी. चिदंबरम कॉरिडोर, सेल के सामने परिसर में टहल सकते हैं।

Update: 2019-09-06 03:37 GMT

नई दिल्ली। आईएनएक्स मीडिया केस में कांग्रेस के कद्दावर नेता और देश के पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम को सीबीआई हिरासत से 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में दिल्ली की तिहाड़ जेल भेज दिया गया है. अब पी चिदंबरम को निचली अदालत में रेगुलर बेल के लिए अप्लाई करना होगा। पिछले 15 दिनों से पी चिदंबरम सीबीआई की कस्टडी में थे। तिहाड़ जेल जाने से पहले ही पी चिदंबरम की लीगल टीम ने दिल्ली हाईकोर्ट में न्यायिक हिरासत में उनकी सुरक्षा को लेकर याचिका दाखिल की है. साथ ही कोर्ट से पी चिदंबरम की सुरक्षा के मद्देनदर जेल में अलग बैरक की मांग की गई है। पूर्व वित्त मंत्री 19 सितंबर तक अब तिहाड़ जेल में ही न्यायिक हिरासत में रहेंगे. तिहाड़ जेल में पी. चिदंबरम की पहली रात एक सामान्य कैदी की तरह ही बीती. कोर्ट के आदेश पर उन्हें कुछ सुविधाएं जरूर मिली हैं, लेकिन अधिकतर सुविधाएं एक सामान्य कैदी की तरह ही मिल रही हैं.

तिहाड़ में चिदंबरम...  

पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम के वकील कपिल सिब्बल, अभिषेक मनु सिंघवी की तरफ से लगातार कोशिश की जा रही थी कि पूर्व वित्त मंत्री तिहाड़ ना जाएं. लेकिन कोर्ट में ये दलीलें नहीं चल पाईं और अदालत ने पूर्व वित्त मंत्री को सीबीआई हिरासत में नहीं भेजा और 19 सितंबर तक तिहाड़ में भेज दिया.

• पूर्व वित्त मंत्री को जेल नंबर सात में रखा गया है. पी. चिदंबरम को अलग सेल मिली है.

• राउज़ एवेन्यू कोर्ट के आदेश पर पी. चिदंबरम को वेस्टर्न टॉयलेट मिला है.

• चश्मा और दवाइयों को साथ लाने की अनुमति अदालत से ही मिली थी.

• पूर्व वित्त मंत्री 24 घंटे सुरक्षा में हैं, सेल के आसपास सुरक्षा का इंतजाम है. सीसीटीवी से निगरानी भी रखी जा रही है.

• जेल नियमों के हिसाब से एक तकिया, कंबल भी मिला है.

• सामान्य कैदियों की तरह पी. चिदंबरम कॉरिडोर, सेल के सामने परिसर में टहल सकते हैं.

• इसके अलावा पूर्व वित्त मंत्री को जेल नियमों के मुताबिक अखबार, टीवी की सुविधा भी मिल रही है.

• नाश्ते में सुबह 7 बजे तिहाड़ में चाय के साथ पोहा, दलिया, ब्रेड दिया गया है.

गौरतलब है कि पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम की तरफ से वकील कपिल सिब्बल ने अदालत में कहा था कि हम ईडी के सामने सरेंडर को तैयार हैं, अगर वह पूछताछ के लिए हिरासत में लेना चाहती है तो ले सकती है. क्योंकि सीबीआई के पास इतने पुख्ता सबूत नहीं हैं कि पी. चिदंबरम को तिहाड़ जेल ना भेजा जाए.

गुरुवार को ही सुप्रीम कोर्ट की तरफ से ईडी मसले पर अंतरिम जमानत की याचिका रद्द हो गई थी. इसी के साथ ही ईडी अब पूर्व वित्त मंत्री को पूछताछ करने के लिए हिरासत में ले सकती है. वहीं 21 अगस्त से गिरफ्तारी के बाद से ही सीबीआई की हिरासत में रह रहे पूर्व वित्त मंत्री की हिरासत बढ़ाने से एजेंसी ने इनकार कर दिया था।

पी चिदंबरम की याचिका को खारिज करते हुए उच्च अदालत ने कहा था कि आर्थिक अपराधों मामलों में आमतौर पर अग्रिम जमानत नहीं दी जाती है.परिस्थितियों और तथ्यों को ध्यान में रखते हुए यह मामला अग्रिम जमानत के लिए उपयुक्त नहीं है. हालांकि, कोर्ट ने एयरसेल-मैक्सिस डील के मामले में पी चिदंबरम के बेटे कार्ति को जमानत दे दी है, जो चिदंबरम के लिए थोड़ी राहत की खबर जरूर हो सकती है।  

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