मुख़्तार अंसारी की पंजाब जेल यात्रा से यूपी सरकार परेशान, वापस लाने को लगा रही एजेंसियां जोर

हालांकि मुश्किल इस बात की भी है कि यूपी में मुख़्तार अंसारी के खिलाफ गंभीर अपराध के मामले न के बराबर है. मुख़्तार के खिलाफ उत्तर प्रदेश में सबसे बड़ा केस बीजेपी नेता क्रष्णानन्द राय की हत्या का है.

Update: 2019-02-03 04:30 GMT

विधायक मुख्तार अंसारी की पंजाब जेल यात्रा से उत्तर प्रदेश सरकार को परेशानी में डाल दिया है. मुख़्तार का नाम लेकर रंगदारी मांगने के मामले में आनन फानन में प्रोड्क्शन वारंट पर मुख़्तार को साथ ले जाने के लिए पंजाब पुलिस आई. जिस पर अब कई तरह के सवालिया निशान खड़े हो गये है. यूपी एसटीएफ बिना साक्ष्य के मुख़्तार अंसारी को पंजाब जेल ले जाने के मामले में वापसी का उपाय खंगाल रही है. 


मुख़्तार के हरियाणा और पंजाब के अंडरवर्ल्ड कनेक्शन के बारे में यूपी एसटीएफ के अफसर अच्छी तरह जानते है. वे इस बात को लेकर सशंकित है कि मुख़्तार को एकायक पंजाब जेल ले जाना किसी बड़ी साजिश के शिकार का हिस्सा तो नही है. अमूमन ऐसे मामलों में पुलिस पहले फोन करने वाले की आवाज का नमूना लेकर मेल कराती है और पुष्टि होने पर ही आगे गिरफ्तारी जैसा कदम उठाया जाता है. लेकिन इस गिरफ्तारी से संदेह पैदा हो गया है. 


पहले से जेल में बंद मुख़्तार अंसारी को आनन फानन में पंजाब की मोहाली पुलिस द्वारा जेल ले जाना वो भी तब जब लोकसभा चुनाव सर पर हों यूपी पुलिस के अफसरों को यह बात हजम नहीं हो रही है. 


मोहाली के एक बड़े बिल्डर को फोन करके खुद को मुख़्तार अंसारी बताते हुए दस करोड़ की रंगदारी मांगी गई है. 24 जनवरी को पंजाब पुलिस ने मुख़्तार अंसारी को मोहाली कोर्ट में पेश किया जहाँ उन्हें चौदह दिन की न्यायिक हिरासत में लेकर रोपड़ जेल भेजने का आदेश जारी कर दिया गया. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जेल प्रसाशन और यूपी एसटीएफ के अफसरों पर सरकार का दबाब है कि मुख़्तार को वापस बाँदा जेल लाया जाय. 


मिली जानकारी के अनुसार अब विधि विशेषज्ञों से राय लेने के साथ साथ उनके किन किन मुकद्दमों की तारीख किस किस कोर्ट में जानकारी खंगाली जा रही है. हालांकि मुश्किल इस बात की भी है कि यूपी में मुख़्तार अंसारी के खिलाफ गंभीर अपराध के मामले न के बराबर है. मुख़्तार के खिलाफ उत्तर प्रदेश में सबसे बड़ा केस बीजेपी नेता क्रष्णानन्द राय की हत्या का है. पुलिस उनकी वापसी को लेकर परेशान नजर आ रही है. वहीँ इस मामले पर सरकार की निगाह भी उच्चधिकारियों पर तनी हुई है. 

 

Tags:    

Similar News