SCN LIVE DEBATE : नवरात्रि में देवी बाकी दिन दासी? कब हटेगी समाज से ये उदासी
आधी आबादी की पूरी आजादी के जोर-शोर के साथ ढेरों दावे किए जा रहे हैं। शिक्षा से लेकर सियासत तक में उनका स्थान सुनिश्चित करने के वादे किए जा रहे हैं।;
आधी आबादी की पूरी आजादी के जोर-शोर के साथ ढेरों दावे किए जा रहे हैं। शिक्षा से लेकर सियासत तक में उनका स्थान सुनिश्चित करने के वादे किए जा रहे हैं।
मगर महिला सशक्तीकरण के दावों से टकराती मौजूदा वक्त की सच्चाई कुछ और ही हकीकत बयां कर रही है। वो कह रही है कि 6 दशक से ज्यादा बीत गए हमें आजादी मिले हुए। आजादी परंपराओं को भुला देने की। आजादी सच्चाई को अस्वीकारने की। आजादी किसी लाड़ली के अस्मत को लूट लेने की। आजादी किसी कच्ची कली के खिलने से पहले ही मसल देने की। आजादी आधी आबादी के अरमानों को रौंद देने की। और आजादी औरत को एक खिलौना बनाने की।