विंध्याचल: हादसों से सबक नहीं ले रहा जिला प्रशासन, गंगा में नहाते समय युवक डूबा, घाट पर मौजूद परिजनों में मचा कोहराम

Update: 2022-05-03 09:58 GMT

विंध्याचल स्थित दीवान घाट पर मंगलवार सुबह मां विन्ध्यवासिनी का दर्शन करने से पूर्व स्नान करते समय एक युवक डूब गया। अक्षय तृतीया के मौके पर दर्शन-पूजन के लिए भदोही जनपद के ज्ञानपुर लाला नगर निवासी राहुल यादव (20) पुत्र पंचम यादव अपने परिवार के साथ मंगलवार सुबह विंध्याचल पहुंचा था। दीवान घाट पर परिवार के सभी सदस्य स्नान कर रहे थे। इस दौरान राहुल का पैर फिसल गया और वह गहरे पानी में चला गया। हालाकिं स्थानीय गोताखोरों उसे निकालकर अस्पाल पहुंचाया जहां युवक को मृत घोषित कर दिया गया। हादसे के बाद से घाट पर मौजूद युवक के परिजनों में कोहराम मचा है। 

बतादें कि अभी दो दिव पहले परशुराम घाट पर डूबे थे भाई-बहन के गंगा स्नान के दौरान डूब गये थे वही शोर मचाने पर स्थानीय गोताखोरों ने तलाश कर आधे घंटे बाद उसे बाहर निकाला। आननफानन उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया जहां से मंडलीय चिकित्सालय रेफर कर दिया गया। मंडलीय अस्पताल पहुंचते ही डॉक्टर ने राहुल को मृत घोषित कर दिया। जिसके बाद से उसके परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। गंगा में डूबने पर युवक को बचाया तो नहीं जा सका, परंतु स्थानीय गोताखोरों ने बड़ी तत्परता के साथ उसे खोज कर बाहर निकाला था। बीते एक मई को ही परशुराम घाट पर स्नान के दौरान जौनपुर निवासी भाई-बहन की डूबने से मौत हो गई थी।

लगातार हादसों से सबक नहीं ले रहा जिला प्रशासन

आदि शक्ति जगत जननी मां विंध्यवासिनी के दरबार में प्रतिदिन हजारों की संख्या में दर्शन पूजन करने के लिए श्रद्धालु पहुंचते हैं। नवरात्र के दिनों में जिला एवं पुलिस प्रशासन की ओर से विंध्य क्षेत्र के समस्त गंगा घाटों पर बैरिकेडिंग, प्रकाश व्यवस्था, जल पुलिस, पीएससी, एनडीआरएफ एवं स्थानीय गोताखोरों की ड्यूटी लगाई जाती है। ताकि नवरात्र के दिनों में कोई अप्रिय घटना न घट सके।

जैसे ही नवरात्र समाप्त होता है, जिला व पुलिस प्रशासन की सारी व्यवस्था हटा दी जाती है। व्यवस्था नहीं रहने के कारण आए दिन गंगा नदी में श्रद्धालुओं की डूब कर जान चली जा रही है। जब कोई घटना घटती है तो पुलिस प्रशासन की तरफ से सिर्फ कागजी औपचारिकताएं पूरी की जाती हैं।

इसके बाद निर्देश दिया जाता है कि समस्त गंगा घाटों पर व्यवस्था उपलब्ध कराई जाय, लेकिन कुछ दिन बीत जाने के बाद फिर पहले जैसी ही स्थिति हो जाती है। गंगा नदी में डूबने का सिलसिला जारी है। नवरात्र के उपरांत बक्सर बिहार के एक युवक की गंगा नदी में डूबने से मौत हुई थी।

बीते वर्ष नवंबर में झारखंड के रांची से आए गंगा नदी पार कर स्नान कर लौटते समय अनियंत्रित होकर नाव पलट गई थी। जिसमें 14 लोग डूबने लगे थे। मौके पर 8 को बचा लिया गया था लेकिन छह लोग नाव सहित आज तक लापता हैं। मां विंध्यवासिनी के दरबार में विंध्य कॉरिडोर बनाया जा रहा है, परंतु गंगा में डूबने की घटनाओं को रोकने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है।

विंध्याचल के घाट पर डूबने से हमेशा बाहरी लोगों की मौत होती है। हादसे के बाद परिवार के लोगों ने बताया कि स्नान करते समय घुटने तक पानी था, एक कदम आगे ही सिर के नीचे पानी आ गया। इस कारण हादसा हुआ। स्थानीय लोगों को घटनाओं और गंगा नदी में पानी के लेबल का पता रहता है, परंतु बाहरी लोग इससे अंजान रहते हैं। इस कारण वे गंगा नदी में डूब जाते हैं। इसलिए गंगा घाटों पर जागरूकता के लिए पोस्टर आदि भी लगाए जाने चाहिए।

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