फर्जी प्रमाणपत्र के सहारे 15 साल से नौकरी कर रहे 10 जेलकर्मी होंगे बर्खास्त

अभी तक दी गई तनख्वाह की रिकवरी भी होगी

Update: 2022-06-13 05:00 GMT

 लखनऊ में शासन ने बड़ी कार्रवाई करते हुए फर्जी प्रमाणपत्र के सहारे 15 साल पहले कारागार विभाग में नौकरी पाने वाले 10 बंदीरक्षकों को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त कर दिया है। नौकरी के पहले ही दिन से उनकी सेवाएं शून्य मानते हुए सेवाकाल के दौरान लिए गए वेतन व भत्तों की वसूली की जाएगी।

खेलकूद समेत अन्य फर्जी प्रमाणपत्र लगाकर हासिल की थी नौकरी

इन बंदीरक्षकों ने वर्ष 2007 में खेलकूद व होमगार्ड समेत अन्य फर्जी प्रमाणपत्र लगाकर नौकरी हासिल की थी। केंद्र्रीय कारागार आगरा के तत्कालीन वरिष्ठ जेल अधीक्षक अंबरीश गौड़ की अगुवाई में गठित कमेटी ने इनकी भर्ती की थी। भर्ती पर सवाल उठे तो शासन ने विजिलेंस से इसकी जांच कराई गई थी।

भर्ती घोटाले में दोषी जेल अफसरों पर भी गाज गिरनी तय है। विजिलेंस टीम ने शासन को भेजी जांच रिपोर्ट में इन पर कार्रवाई की सिफारिश की है।

*इनकी बर्खास्तगी*

संयोग लता, प्रवीण कुमार, परिक्रमा दीन, दिनेश कुमार, अनिल यादव, राजकिशोर, आनंद प्रकाश, दान सिंह, संजय कुमार व शिव बहादुर।

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