इलाहाबाद HC से योगी सरकार को झटका, OBC की 18 जातियों को SC में शामिल करने की अधिसूचना को किया रद्द

2005 में मुलायम सिंह सरकार और 2016 में अखिलेश यादव सरकार द्वारा भी इसी तरह की अधिसूचना जारी की गई थी।

Update: 2022-08-31 12:34 GMT

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने बड़ा झटका दिया है। हाई कोर्ट ने अनुसूचित जाति सूची (Scheduled Caste list) यानी एससी लिस्ट में 18 अन्य पिछड़ी जातियों (OBC) को शामिल करने के लिए यूपी सरकार की अधिसूचना को रद्द कर दिया।

योगी सरकार ने 24 जून 2019 को कुम्हार, केवट, मल्लाह, धीमर, बाथम, कहार, कश्यप, भर, राजभर (Kumhar, Kevat, Mallah, Dhimar, Batham, Kahar, Kashyap, Bhar, Rajbhar) आदि समेत 18 ओबीसी जातियों को अनुसूचित जाति (एससी) सूची में शामिल करने के लिए एक अधिसूचना जारी की थी।

इस सरकारी अधिसूचना को याचिकाकर्ता हरिशरण गौतम, डॉ भीम राव अंबेडकर ग्रंथालय और जनकल्याण समिति के अध्यक्ष ने इलाहाबाद हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका के माध्यम से चुनौती दी थी।

चीफ जस्टिस राजेश बिंदल और जस्टिस जेजे मुनीर की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने फैसला सुनाया कि राज्य सरकार के पास अनुसूचित जाति सूची में बदलाव करने की शक्ति नहीं है और इसलिए यूपी सरकार द्वारा जारी अधिसूचना को रद्द कर दिया।

2005 में मुलायम सिंह सरकार और 2016 में अखिलेश यादव सरकार द्वारा भी इसी तरह की अधिसूचना जारी की गई थी। लेकिन इस फैसले के साथ इस संबंध में जारी सभी अधिसूचनाओं को रद्द कर दिया गया है।

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