मृतक शिक्षक को 9 साल बाद मिला इंसाफ, फिल्म दृश्यम की तरह छिपा दी थी मकान के अंदर गहरे गड्ढे में लाश

प्रेमी समेत तीन को मिली आजीवन कारावास की सजा।

Update: 2023-05-22 08:53 GMT

मुरादाबाद। मझोला के नौ साल पुराने शिक्षक सुधाकर वर्मा हत्याकांड में अदालत ने पत्नी के प्रेमी समेत तीन को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। पत्नी के प्रेमी हनु उपाध्याय अपने दो साथियों की मदद से सुधाकर वर्मा को अमरोहा के धनौरा में बुलाकर हत्या कर दी थी और लाश एक मकान में मिट्टी खोदकर दबा दी थी। इस मामले में चौथी आरोपी शिक्षक की पत्नी वीना उर्फ निधि वर्मा की फाइल दूसरी कोर्ट में विचाराधीन है।

बिजनौर के स्योहारा थाना क्षेत्र के चंचल पुरयान निवासी राम अवतार शर्मा ने मझोला थाने में 30 जून 2014 को केस दर्ज कराया था। जिसमें उन्होंने बताया था कि उनका बेटा सुधाकर वर्मा लाइन पार रामलीला मैदान के पास स्थित स्वरूपी देवी मैमोरियल (एसडीएम) इंटर कॉलेज में शिक्षक था। वह कॉलेज के पास ही किराये के कमरे में रहता था। उन्होंने दावा था कि बेटा 22 जनवरी 2014 से लापता है। जिससे अंतिम बार 22 जनवरी की शाम फोन पर बात हुई थी। मेरे बेटे और पुत्रवधु में विवाद चल रहा है। इसी विवाद के कारण मेरी पुत्रवधू और उसके घर वालों ने कई बार मेरे बेटे को जान से मारने की धमकी दी थी। मुझे शक है कि मेरे बेटे के साथ कोई अनहोनी हो गई है।

पुलिस ने केस दर्ज करने के बाद पूरे मामले की छानबीन शुरू की तो पाया कि सुधाकर वर्मा की पत्नी के प्रेम संबंध राजस्थान के अलवर निवासी बाला जी का दरबार लगाने वाले पंडित हनु उपाध्याय के साथ है। हनु उपाध्याय के शिष्य विजयपाल निवासी मंडी धनौरा जनपद अमरोहा और राजेंद्र निवासी अलवर (राजस्थान) हैं। दोनों हनु उपाध्याय का प्रचार प्रसार करते थे और उनकी हर आज्ञा का पालन भी करते थे। पुलिस ने जब हनु उपाध्याय को गिरफ्तार किया और पूछताछ शुरू की तब पता चला कि सुधाकर वर्मा की पत्नी वीना उर्फ विधि वर्मा के साथ मिलकर हनु उपाध्याय, विजय पाल सिंह और राजेंद्र ने सुधाकर वर्मा की गला दबा कर हत्या कर दी थी।

जिसकी लाश पूर्व होम गार्ड विजय पाल सिंह ने अपने घर मंडी धनौरा में गड्ढा खोद कर दबा दी थी। जिसे विजय पाल की निशान देही पर पुलिस ने बरामद कर लिया। इस मामले में पुलिस ने चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। मुकदमे की सुनवाई जनपद न्यायाधीश डॉ. अजय कुमार की अदालत में की गई। जिला शासकीय अधिवक्ता नितिन गुप्ता और सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता संजीव अग्रवाल ने बताया कि मुकदमे की आरोपी वीना उर्फ विधि वर्मा की पत्रावली अलग कर दी गई है। शेष आरोपियों के मुकदमे की सुनवाई जिला जज की अदालत में की गई। अदालत ने पत्रावली पर मौजूद साक्ष्यों के आधार पर आरोपी पंडित हनु उपाध्याय, पूर्व होमगार्ड विजय पाल सिंह और राजेंद्र को हत्या का दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।

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